नई दिल्ली: रेलवें चेन पुलिंग करनेवालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने की पूरी तैयारी कर चूका है. दरअसल चेन पुलिंग की वजह से भारतीय रेलवें को हर साल लाखों का नुकसान हो रहा है. इसलिए रेलवे अपने नुकसान की भरपाई करने के लिए और चेन पुलिंग की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए जुर्माने की रकम में भारी बढ़ोत्तरी की है.
रेलवे के नियम के मुताबिक अब तक बिना किसी ठोस कारण चेन पुलिंग करनेवाले लोगों को महज 500 रुपये जुर्माना लेकर छोड़ दिया जाता था. लेकिन अब रेलवे पुलिस बल (आरपीएफ) ऐसे मामलों में मजिट्रेट के समक्ष आरोपपत्र के साथ चेन पुलिंग से रेलवे को हुए नुकसान का भी ब्यौरा देगी जिससे नुकसान की भरपाई की जा सके. खबरों की माने तो अब बिना वैध कारण के चेन खींचने वालों से 10 हजार रुपये तक का जुर्माना लिया जा रहा है.
बताया जा रहा है रेल मंत्री पीयूष गोयल द्वारा देशभर में ट्रेन को समय पर चलाने के निर्देश के बाद रेल पुलिस ने यह नया तरीका शुरू किया है. यह फैसला आरपीएफ अधिकारियों की एक समीक्षा बैठक के बाद लिया गया. दरअसल चेन पुलिंग रेलगाड़ियों के लेट होने का एक प्रमुख कारण है.
अधिकारियों के मंथन करने पर यह निष्कर्ष निकाला की ऐसे केस में जांच अधिकारी अपनी विवेचना इतनी ठोस बनाए जिससे आरोपी पर भारी जुर्माना लगे और वह खुद भविष्य में चेन खींचने जैसा अपराध करने से बचे। साथ ही अन्य लोग भी इस बारे में जागरूक हों.
गौरतलब हो कि रेलवे एक्ट 1989 की धारा 141 के तहत चेन पुलिंग होने पर पकड़े जाने पर अधिकतम 1000 रुपये का जुर्माना या एक साल तक की कैद का प्रावधान है. अमूमन आरोपियों को जुर्माना लेकर छोड़ दिया जाता था. और जुर्माना नहीं भरने पर केवल नाममत्र मामलों में ही जेल की सजा मिलती थी. नियम के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति मेडिकल एमरजेंसी, बिजली, पानी, शौचालय जैसी किसी अत्यावश्यक सेवा में कमी पर चेन खींचने पर सजा का प्रावधान नहीं है. लेकिन इसके लिए सुनवाई के दौरान यह साबित करना पड़ेगा.