पोस्ट ऑफिस की इस स्कीम में आपका पैसा तेजी से होगा डबल, सेफ्टी की 100% गारंटी
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: PTI)

अधिकतर लोगो की चाहत होती है की उनके द्वारा बचाए गए पैसे तेजी से बढे. इसके लिए लोग अपना पैसा बैंकों में कई तरह से रखते या निवेश करते है. कई बार लोग कम समय में अपने पैसे को बढ़ाने के लिए निवेश के विकल्प खोजते हैं. लेकिन पैसों की सेफ्टी की सोचकर बैंक के अलावा कही पैसे नहीं निवेश करते. लेकिन आज हम आपको एक ऐसा विकल्प बताएँगे जो ना केवल आपके पैसे को किसी भी बैंक की तुलना में तेजी से बढ़ाएगा बल्कि उसकी सुरक्षा की पूरी गारंटी भी होगी.

यह स्कीम बैंक एफडी से भी तेज आपका पैसा डबल करती है. यह स्कीम है पोस्ट ऑफिस की नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC). नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट भारत सरकारी की ओर से जारी एक छोटी बचत योजना है. NSC देश की किसी भी पोस्ट ऑफिस ब्रांच से लिया जा सकता है. NSC का मैच्योरिटी पीरियड 5 साल होता है. इस पर इस वक्त 8 फीसदी सालाना का ब्याज मिल रहा है. सरकार हर तीन महीने पर ब्याज दर रिवाइज करती है.

इतने रूपये का निवेश करें-  

इसमें नि‍वेश के तौर पर कम से कम 100 रुपये और 100 रुपये के गुणकों में पोस्ट ऑफिस में जमा करने होंगे. हालांकि NSC के लिए कोई अधिकतम सीमा नहीं है. किसी वयस्क द्वारा खुद के लिए या किसी नाबालिग की ओर से या नाबालिग द्वारा एक एकल धारक प्रकार का प्रमाण पत्र पोस्ट ऑफिस से खरीदा जा सकता है.

नहीं लगेगा टैक्स-

यह जमा धनराशि, आईटी अधिनियम की धारा 80c के तहत कर छूट में आती है. हालांकि यह छूट 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर ही मिलती है.

आसानी से मिलेगा लोन-

नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट के जरिए आपको बैंक एवं अन्‍य वित्‍तीय संस्‍थान से लोन भी मिल सकता है. साथ ही इसमें फिक्‍स डिपॉजिट की ही तरह ही नॉमिनेशन भी होता है. हालांकि इसमें निवेश की कुल अवधि 6 साल होती है. इसलिए यह रकम समय से पहले निकाली नहीं जा सकती है.

सरकार की होगी गारंटी-

नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट में पैसे निवेश करने पर किसी भी प्रकार का जोखिम नहीं होता है. क्योकि पोस्ट ऑफिस के जमा पैसे यदि किसी वजह से पोस्टल डिपार्टमेंट नहीं लौटा पाया तो इसका पूरा भुगतान सरकार को करना पड़ेगा. इसका मतलब निवेश की हुई रकम मिलने की पूरी गारंटी होती है. दरअसल इस स्कीम में जमा हुए पैसों का इस्तेमाल सरकार अपने कामों के लिए करती है, इसलिए इन पैसों के डूबने की सूरत में सारी जिम्मेदारी भी सरकार की बनती है.