RIL Income Tax: मुकेश अंबानी ने बनाया अनोखा रिकॉर्ड, सरकारी खजाने में रिलायंस ने दिया 1.86 लाख करोड़ रुपये का टैक्स

मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज ने एक और अनोखा रिकॉर्ड बना दिया है. कंपनी ने कॉरपोरेट इनकम टैक्स के रूप में सरकारी खजाने में 1.86 लाख करोड़ रुपये का योगदान दिया है, जो भारत सरकार के बजट के लगभग 4 फीसदी के बराबर है.

RIL Annual Report: देश के सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries) ने एक और अनोखा रिकॉर्ड बना दिया है. कंपनी ने कॉरपोरेट इनकम टैक्स (Corporate Income Tax) के रूप में सरकारी खजाने में 1.86 लाख करोड़ रुपये का योगदान दिया है, जो भारत सरकार के बजट के लगभग 4 फीसदी के बराबर है.

सरकारी खजाने में इनकम टैक्स से योगदान

देश की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज पहले से ही इनकम टैक्स भरने के मामले में भारत में पहले स्थान पर है. अंबानी की कंपनी ने यह जानकारी अपनी हालिया सालाना रिपोर्ट में दी है. कंपनी ने बताया है कि उसने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए कॉरपोरेट इनकम टैक्स के रूप में 1 लाख 86 हजार करोड़ रुपये जमा किया है. यह बजट के लगभग 4 फीसदी के बराबर है. यह साल भर पहले की तुलना में लगभग 9 हजार करोड़ रुपये ज्यादा है. कंपनी ने एक साल पहले यानी वित्त वर्ष 2022-23 में 1.77 लाख करोड़ रुपये का इनकम टैक्स जमा किया था.

यह उपलब्धि पाने वाली पहली भारतीय कंपनी

रिलायंस इंडस्ट्रीज ने रिपोर्ट में बताया कि पिछले वित्त वर्ष यानी फाइनेंशियल ईयर 2023-24 में उसने 20 लाख करोड़ के बाजार पूंजीकरण का आंकड़ा पार कर लिया और ऐसा करने वाली वह भारत की पहली कंपनी बन गई. पिछले वित्त वर्ष के दौरान कंपनी के बाजार पूंजीकरण में 27 फीसदी की तेजी आई है. बाजार पूंजीकरण के आधार पर रिलायंस इंडस्ट्रीज अभी दुनिया की 48वीं सबसे बड़ी कंपनी है. कंपनी ने कंसोलिडेटेड रेवेन्यू के मामले में भी पिछले वित्त वर्ष के दौरान 10 लाख करोड़ के आंकड़े को पार कर लिया.

टैक्स के बाद इतना हुआ कंपनी को मुनाफा

कंपनी का टैक्स के बाद मुनाफा 31 मार्च 2024 को समाप्त हुए बीते वित्त वर्ष में 79 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा रहा. एक साल पहले कंपनी का टैक्स जमा करने के बाद मुनाफा 73 हजार 670 करोड़ रुपये रहा था. यानी कंपनी को टैक्स जमा करने के बाद हुए मुनाफे में पिछले वित्त वर्ष के दौरान 7.3 फीसदी की तेजी आई.

3 लाख करोड़ से ज्यादा निर्यात, सीएसआर पर बढ़ा खर्च

इस दौरान देश की सबसे बड़ी कंपनी का निर्यात से लेकर प्राइवेट इन्वेस्टमेंट और सीएसआर में भी योगदान बढ़ा है. कंपनी की सालाना रिपोर्ट के अनुसार, पिछले वित्त वर्ष में उसने करीब 3 लाख करोड़ रुपये का निर्यात किया. वहीं बीते वित्त वर्ष में उसने 1 लाख 35 हजार करोड़ से ज्यादा का निवेश किया. कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के मोर्चे पर कंपनी ने कुल 1,592 करोड़ रुपये खर्च किए. यह साल भर पहले के मुकाबले 300 करोड़ रुपये ज्यादा है.

राष्ट्र निर्माण में योगदान गर्व की बात

रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक मुकेश अंबानी ने वार्षिक रिपोर्ट में कहा, "पिछले दशक में वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में भारत का महत्व कई गुना बढ़ा है. अस्थिरता और अनिश्चितता की इस दुनिया में भारत स्थिरता और समृद्धि के प्रतीक के रूप में चमक रहा है. सभी क्षेत्रों में मजबूत विकास 140 करोड़ भारतीयों के सामूहिक प्रयास का नतीजा है. भारत और भारतीयता की यही भावना रिलायंस को निरंतर इनोवेशन करने और हर उद्यम में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए प्रेरित करती है. रिलायंस परिवार के लिए भारत के विकास की कहानी का हिस्सा बनना और इसकी शानदार वृद्धि में योगदान देना गर्व की बात है."

रिलायंस इंडस्ट्रीज का यह नया कीर्तिमान न सिर्फ कंपनी के लिए बल्कि पूरे देश के लिए गर्व की बात है. यह भारत की आर्थिक प्रगति और स्थिरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

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