नई दिल्ली. आरएसएस के बड़े नेता और मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के मार्गदर्शक इंद्रेश कुमार ने मॉब लिंचिंग पर विवादित बयान दिया है. इंद्रेश कुमार ने यदि लोग बीफ खाना बंद कर दें तो भीड़ की हिंसा भी बंद हो जाएगी. इंद्रेश कुमार ने यह भी कहा, 'मॉब लिंचिंग जैसी घटना का स्वागत कभी भी नहीं किया जा सकता है. उन्होंने कहा दुनिया में जितने धर्मस्थल हैं वहां गाय का वध नहीं किया जाता है. भले ही वो मक्का मदीना में वध नहीं होता है. वहीं जीसस धरती पर जहां उनका जन्म एक गौशाला में हुआ था. वहां उन्हें माता माना जाता है.
आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार मीडिया से बात करते हुए कहा कि हम संकल्प नहीं कर सकते कि इस विचारधारा और मानवता को इस पाप से मुक्त करें. उन्होंने कहा देश में गाय का वध अगर रुक जाता है तो इस तरह की हिंसा अपने आप रुक जाएगी. बता दें कि देश के अंदर मॉब लिंचिंग की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं. जिसके कारण विपक्ष लगातार मोदी सरकार पर हमला कर रही है.
Kisi bhi mob ki hinsa, wo aapke ghar ki, mohalle ki, jaati ki, party ki ho, wo kabhi bhi abhinandaniya nahin ho sakti. Parantu, duniya ke jitne bhi dharm hain, unke kisi ek dharam sthal par bata do ki gaye (cow) ka vadh hota hai: Indresh Kumar, Rashtriya Swayamsevak Sangh. (23.7) pic.twitter.com/Y10QjJBhOQ
— ANI (@ANI) July 24, 2018
गौरतलब हो कि राजस्थान के अलवर जिले में गौरक्षा के नाम पर भीड़ ने रकबर खान की हत्या कर दी. इस घटना में कुछ ग्रामीणों ने अकबर खान गाय के तस्करी करने के संदेह में पकड़कर उसकी बेरहमी से पिटाई की, जिससे उसकी मौत हो गई. वहीं इस मामले में अब पुलिस भी फंसती नजर आ रही है.
Isaa (Jesus) dharti par gaushala mein aaye, isliye waha mother cow bolte hain. Mecca Madina mein gaye ka vadh apradh maante hain. Kya hum sankalp nahi kar sakte ki dhara,manavta ko is paap se muqt karaein.Agar muqt ho jaaye to aapki samasya(mob lynching) ka hal ho jaayega:I Kumar pic.twitter.com/AyrMKnLznO
— ANI (@ANI) July 24, 2018
सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस
सुप्रीम कोर्ट ने गोरक्षा के नाम पर हिंसा मामले में रोकथाम, सुधार और दंडात्मक दिशानिर्देश जारी करते हुए कहा कि भीड़ का अंधा कानून बर्दाश्त नहीं है. संसद इसके लिए कानून बनाए, जिसमें भीड़ द्वारा हत्या के लिए सज़ा का प्रावधान हो. अदालत ने केंद्र और राज्यों को आदेश दिया कि वे संविधान के मुताबिक काम करें. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि भीड़तंत्र के पीड़ितों को सरकार मुआवजा दे.