सनातन धर्म शास्त्रों में मंत्रों की अपार शक्ति को लेकर तमाम बातें कही गई हैं. इन मंत्रों का सही उच्चारण और विधि-विधान से करने से आप अपने असंभव कार्य पूरे कर सकते हैं, अपने सारे कष्टों को दूर कर सकते हैं. ऐसा ही है हनुमान शाबर मंत्र, जिसके बारे में विख्यात है कि यह किसी को भी वशीभूत कर आपका कार्य तत्क्षण करवा सकता है. यहां हम बात करेंगे शाबर मंत्र की शक्ति, महत्ता जाप के नियम आदि के बारे में...
शाबर मंत्र सर्वाधिक शक्तिशाली मंत्रों में एक माना जाता है, और इसका तत्क्षण परिणाम प्राप्त होता है. इस मंत्र के संदर्भ में कहा जाता है कि शाबर मंत्र गुरु गोरखनाथ जी और नवनाथ चौरासी सिद्धों ने रचे थे. कहा तो यहां तक जाता है कि यह मंत्र हिंदू धर्म के अलावा इस्लाम और अन्य धर्मों में भी मान्य है. वस्तुतः यह एक तरह का सम्मोहन मंत्र होता है. शाबर मंत्र के जाप के लिए किसी सिद्धी अथवा कर्मकाण्डों की आवश्यकता नहीं होती, क्योंकि यह पहले से ही सिद्ध मंत्र होते हैं, लेकिन इसे शुरू करने से पहले किसी योग्य पुरोहित से इसकी संपूर्ण जानकारी और होनेवाले प्रभावों को जान लेना आवश्यक है. यह भी पढ़ें :
कैसे करें शाबर मंत्र का जाप!
शाबर हनुमान मंत्र शत्रुओं द्वारा फैलाई नकारात्मक एवं बुरी शक्तियों को आपके और आपके घर परिवार से दूर करता है, स्नान ध्यान के पश्चात हनुमान जी की प्रतिमा के सामने बैठकर शाबर मंत्र का जाप करना चाहिए. लेकिन जाप केकाले रंग के वस्त्र धारण करना चाहिए. मंत्र शुरु करने के लिए 108 मनकों की माला से 5 बार जाप करें. यह जाप पांच दिन तक निरंतर चलता है. अगर शुक्रवार को यह जाप शुरु करेंगे तो मंगलवार के दिन इसकी समाप्ति करें. मंत्र साधना के पश्चात उपयुक्त माला को किसी गहरे गड्ढे में खोदकर डाल दें. इसके जाप से आपकी हर मनोकामना पूरी हो सकती है.
श्री हनुमान शाबर मन्त्र
हनुमान जाग.... किलकारी मार..... तू हुंकारे.... राम काज सँवारे.... ओढ़ सिंदूर सीता मैया का.... तू प्रहरी राम द्वारे.... मैं बुलाऊँ..., तू अब आ.... राम गीत तू गाता आ..... नहीं आये तो हनुमाना..... श्री राम जी ओर सीता मैया की दुहाई.... शब्द साँचा..... पिंड कांचा.... फुरो मन्त्र ईश्वरोवाचा.....
शाबर मंत्र का महात्म्य
वैदिक, पौराणिक एवं तांत्रिक मंत्रों के समान ‘शाबर-मंत्र’ भी अनादि और अचूक हैं. सभी मंत्रों के प्रवर्तक मूलतः भगवान शिव ही हैं, लेकिन शाबर मंत्रों के प्रवर्तक शिव भक्त गुरु गोरखनाथ तथा गुरु मत्स्येंद्र नाथ हैं. अगर रात्रि में किसी वजह से अथवा भूत-प्रेत आदि का भय सता रहा है, अथवा किसी निर्जन जगह पर अकेले सो रहे हैं तो हनुमानजी के इस दिव्य साबर मंत्र को तीन बार पढ़कर निश्चिंत होकर सो जाएं. आप हर तरह के भय से खुद को मुक्त पायेंगे. लेकिन एक बार फिर बता दें कि बिना किसी योग्य पुरोहित की सलाह लिये बिना इस मंत्र का जाप हर्गिज नहीं करना चाहिए.