GST Council Meeting: पेट्रोल-डीजल से लेकर जोमैटो-स्विगी तक.. निर्मला सीतारमण की अगुवाई में 50 वस्तुओं की जीएसटी दर पर हो रहा विचार
जीएसटी (Photo Credits: PTI)

नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद (GST Council Meeting 2021) की महत्वपूर्ण बैठक शुक्रवार को यहां शुरू हुई, जिसमें नारियल तेल सहित चार दर्जन से अधिक वस्तुओं पर कर दरों की समीक्षा की जाएगी और इस दौरान 11 कोविड दवाओं पर कर छूट को 31 दिसंबर तक बढ़ाया जा सकता है. जीएसटी में इनपुट टैक्स क्रेडिट रिफंड मामले में वस्तुओं, सेवाओं को समान नहीं माना जा सकता: कोर्ट

जीएसटी परिषद की 45वीं बैठक में गुजरात को छोड़कर लगभग सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के वित्त मंत्री और केंद्र सरकार तथा राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए.

कोविड-19 महामारी के बाद आमने-सामने बैठकर हो रही यह परिषद की पहली बैठक है. इस तरह की आखिरी बैठक 20 महीने पहले 18 दिसंबर 2019 को हुई थी. उसके बाद से परिषद की बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए ही हो रही थी.

जीएसटी परिषद शुक्रवार को हो रही बैठक के दौरान एक जुलाई 2022 से राज्यों को देय मुआवजे के तौर-तरीकों पर भी चर्चा करेगी.

बैठक में एकल राष्ट्रीय जीएसटी कर के तहत पेट्रोल और डीजल पर कर लगाने और जोमैटो तथा स्विगी जैसे खाद्य डिलीवरी ऐप को रेस्टोरेंट के रूप में मानने और उनके द्वारा की गई डिलीवरी पर पांच प्रतिशत जीएसटी लगाने के प्रस्ताव पर भी विचार किया जा सकता है.

सूत्रों ने कहा कि इस बैठक में कोविड-19 से जुड़ी आवश्यक सामग्री पर शुल्क राहत की समयसीमा को भी आगे बढ़ाया जा सकता है.

देश में इस समय वाहन ईंधन के दाम रिकॉर्ड ऊंचाई पर हैं. वर्तमान में राज्यों द्वारा पेट्रोल, डीजल की उत्पादन लागत पर वैट नहीं लगता बल्कि इससे पहले केंद्र द्वारा इनके उत्पादन पर उत्पाद शुल्क लगाया जाता है, उसके बाद राज्य उस पर वैट वसूलते हैं.

केरल उच्च न्यायालय ने जून में एक रिट याचिका पर सुनवाई के दौरान जीएसटी परिषद से पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के तहत लाने पर फैसला करने को कहा था. सूत्रों ने कहा कि न्यायालय ने परिषद को ऐसा करने को कहा है. ऐसे में इसपर परिषद की बैठक में विचार हो सकता है.

देश में जीएसटी व्यवस्था एक जुलाई, 2017 से लागू हुई थी. जीएसटी में केंद्रीय कर मसलन उत्पाद शुल्क और राज्यों के शुल्क मसलन वैट को समाहित किया गया था. लेकिन पेट्रोल, डीजल, एटीएफ, प्राकृतिक गैस तथा कच्चे तेल को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया. इसकी वजह यह है कि केंद्र और राज्य सरकारों दोनों को इन उत्पादों पर कर से भारी राजस्व मिलता है.

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