Cyber Swachhta Kendra PIB Fact Check: एक पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि भारत सरकार ने नेटवर्क और सिस्टम को नुकसान पहुंचाने वाले मालवेयर और बॉटनेट की जांच के लिए साइबर स्वच्छता केंद्र की स्थापना की है. फैक्ट चेक के जरिए हम आपको बतानें जा रहे हैं कि इय वायरल पोस्ट की सच्चाई क्या है?
केंद्र सरकार ने साइबर अपराधों पर लगाम लगाने के लिए साइबर स्वच्छता केंद्र को लॉन्च किया है. इसके जरिए भारत सरकार देश में नेटवर्क पर मैलवेयर (Malware) के जाल को खत्म करने का प्रयास कर रही है.
साइबर स्वच्छता केन्द्र (बॉटनेट शोधन और मालवेयर विश्लेषण केन्द्र) भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया दल (सर्ट-इन) का एक हिस्सा है. इसे बॉट/मालवेयर विशेषताओं का विश्लेषण करने ,सूचना प्रदान करने और नागरिकों को बॉट/मालवेयर को हटाने में सक्षम बनाने के लिए स्थापित किया गया है. ये भी पढ़ें- Fact Check: सोशल मीडिया पर दावा, New Education Policy के तहत 10वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाएं खत्म की जाएंगी, PIB से जानें खबर की सच्चाई
साइबर स्वच्छता केन्द्र नागरिकों के बीच अपने डेटा, कंप्यूटर, मोबाइल फोन और घरेलू राउटर जैसे उपकरणों को सुरक्षित करने के लिए जागरूकता पैदा करने का प्रयास करेगा.
हां! भारत सरकार ने नेटवर्क और सिस्टम को नुकसान पहुंचाने वाले मालवेयर और बॉटनेट की जांच के लिए साइबर स्वच्छता केंद्र की स्थापना की है
यह केंद्र @GoI_MeitY के @_DigitalIndia का हिस्सा है जिसका लक्ष्य सुरक्षित साइबर स्पेस बनाना और बॉटनेट संक्रमण की पहचान करना है #PIBFactCheck pic.twitter.com/LcPiSVomK5
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) April 6, 2023
बॉट क्या है?
बॉट एक ऐसा सॉफ्टवेयर है जो पीड़ितों की मशीन को संक्रमित करने और बाद में दुर्भावनापूर्ण गतिविधियों के लिए इसका उपयोग करने में सक्षम है। गतिविधियों को बॉट के कमांड और कंट्रोल सर्वर द्वारा निर्देशित किया जा सकता है.
बॉटनेट क्या है?
बॉटनेट बॉट्स/कॉम्प्रोमाइज्ड मशीनों का एक नेटवर्क है जो दुर्भावनापूर्ण गतिविधि करने के लिए सिंक में काम करता है.
बॉटनेट गतिविधियां क्या हैं? यह मेरे कंप्यूटर/डिवाइस को कैसे नुकसान पहुंचा सकती हैं?
बॉटनेट आपके कंप्यूटर/डिवाइस को नुकसान पहुंचाने के लिए निम्नलिखित गतिविधियां कर सकता है
- आपके कंप्यूटर / डिवाइस से जानकारी लेना
- नेटवर्क में अन्य कंप्यूटरों/उपकरणों में खुद को फैलाना, जिससे संकट का दायरा बढ़ जाता है
- अन्य मालवेयर डाउनलोड करना
- स्पैमिंग, सेवा की मनाही (डीओएस), आदि जैसे साइबर हमले शुरू करने के लिए आपके कंप्यूटर/डिवाइस का उपयोग करना