UPI Payment: UPI फ्री है या इसपर कोई चार्ज लगने वाला है? यह सवाल आज कल हर किसी के मन में हैं. दरअसल हाल ही में UPI पर लगने वाले चार्ज को लेकर इतनी बातें हुई हैं कि यूजर्स बड़े असमंजस में पड़ गए हैं. हालांकि NPCI ने साफ कर दिया था कि 2 हजार रुपये से ज्यादा के भुगतान पर ग्राहकों को कोई चार्ज नहीं देना होगा यह फीस मर्चेंट को देनी होगी. लेकिन अब एक बार फिर UPI चार्ज को लेकर सवाल उठ रहे हैं. UPI के जरिए गलती से दूसरे अकाउंट में चला गया पैसा, जानें कैसे मिलेगा वापस, बस करना होगा ये काम.
दरअसल सरकार IIT बॉम्बे की एक सिफारिश को मान लेती है तो फिर UPI के सभी तरह के भुगतान पर लोगों को एकसमान चार्ज का भुगतान करना पड़ सकता है. सरकार UPI पेमेंट सिस्टम के लिए जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर की फंडिंग और इसकी वित्तीय मजबूती तय करने के लिए ट्रांजेक्शंस पर 0.3 फीसदी एकसमान डिजिटल भुगतान सुविधा शुल्क लगा सकती है. एक स्टडी के बाद IIT बंबई ने इसकी सिफारिश की है.
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT Bombay) ने एक स्टडी में यह सुझाव दिया है. ‘चार्जेस फॉर पीपीआई बेस्ड यूपीआई पेमेंट्स- द डिसेप्शन' टाइटल से पब्लिश किए गए एक स्टडी में कहा गया है कि 0.3 प्रतिशत फैसिलिटेशन फीस से 2023-24 में लगभग 5,000 करोड़ रुपये जुटाए जा सकते हैं.
मोबाइल वॉलेट के माध्यम से होने वाले भुगतान पर विनिमय शुल्क लगाने के भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) के फैसले के प्रभावों का विश्लेषण करने वाले अध्ययन में कहा गया है कि दुकानदारों को मिलने वाले भुगतान पर कोई शुल्क नहीं लगना चाहिए, चाहे वह सीधे यूपीआई के जरिये आए या प्रीपेड ई-वॉलेट के माध्यम से. एनपीसीआई ने दुकानदारों को यूपीआई के माध्यम से भुगतान करने पर एक अप्रैल, 2023 से भुगतान राशि का 1.1 प्रतिशत का ‘इंटरचार्ज’ शुल्क काटने का प्रावधान शुरू किया है. यह प्रीपेड वॉलेट आधारित यूपीआई लेनदेन पर लागू होगा.
अभी नहीं है UPI पर कोई शुल्क
मौजूदा कानून के तहत कोई बैंक या यूपीआई प्रोवाइडर डायरेक्ट या इन-डायरेक्ट रूप से यूपीआई के जरिये पेमेंट करने या प्राप्त करने वाले व्यक्ति पर कोई शुल्क नहीं लगा सकता. हालांकि, कई मौकों पर बैंक और सिस्टम प्रोवाइडर ने यूपीआई कानून की अपनी सुविधा से पालन करने का प्रयास किया है.