SAGAR-SETU App: केंद्र सरकार ने लॉन्च किया‘सागर सेतु’ मोबाइल ऐप, जानें इसके बारे में सबकुछ
SAGAR-SETU App

National Logistics Portal: केंद्र सरकार ने शिपिंग लाइन शुल्क, परिवहन शुल्क जैसे आयात और निर्यात की निकासी प्रक्रिया के लिए आवश्यक भुगतानों के लिए डिजिटल लेनदेन को सक्षम बनाने के लिए राष्ट्रीय रसद पोर्टल मरीन का ‘सागर सेतु’ मोबाइल ऐप लॉन्च किया है. केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि “नेशनल लॉजिस्टिक्स पोर्टल (मरीन) का सागर-सेतु ऐप सभी संबद्ध हितधारकों के लिए हाथ में रखे जाने वाले उपकरण पर सभी सुविधाओं की आसान पहुंच में मदद करेगा. यह मोबाइल ऐप डेटा संबंधी आदान-प्रदान को इस तरह सुनिश्चित करेगा कि स्वीकृति एवं निगरानी संबंधी सूचनाएं बंदरगाह एवं मंत्रालय के अधिकारियों और हितधारकों को भी तत्काल उपलब्ध होंगी.

‘सागर सेतु’ मोबाइल ऐप क्यों जरूरी ? (Why is 'Sagar Setu' mobile app necessary?)

इस ऐप के जरिए व्यापारियों को स्वीकृति और अनुपालन में उन्नत सुविधाएं मिलेंगी साथ ही कामकाज और ट्रैकिंग संबंधी पारदर्शिता में वृद्धि होगी इसके अलावा सेवा प्रदाताओं को रिकॉर्ड और पेश किए गए लेन-देन पर निगरानी रखने में मदद मिलेगी और सेवा संबंधी अनुरोधों से जुड़ी सूचना भी प्राप्त होगी.

डिजिटल लेनदेन संभव

इस ऐप में लॉग इन मॉड्यूल, सर्विस कैटलॉग, कॉमन एप्लीकेशन फॉर्मेट, लेटर ऑफ क्रेडिट, बैंक गारंटी, सर्टिफिकेशन और ट्रैक एंड ट्रेस आदि जैसी सुविधाओं का समावेश किया गया है. यह ऐप आयातक, निर्यातक और सीमा शुल्क ब्रोकर को पोत से संबंधित जानकारी, गेट, कंटेनर फ्रेट स्टेशनों और लेनदेन सहित उन गतिविधियों की वास्तविक समय में जानकारी प्रदान करेगा जो आमतौर पर उनकी पहुंच के दायरे में नहीं होती हैं. यह आयात और निर्यात के दौरान निकासी प्रक्रिया में कंटेनर फ्रेट स्टेशन शुल्क, शिपिंग लाइन शुल्क, परिवहन शुल्क आदि जैसे आवश्यक भुगतान के लिए डिजिटल लेनदेन को भी संभव बनाएगा.

समुद्री व्यापार को बढ़ावा मिलेगा

बता दें कि इस वन-स्टॉप डिजिटल प्लेटफॉर्म नेशनल लॉजिस्टिक पोर्टल (मरीन) की परिकल्पना पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय तथा वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा जनवरी 2023 में की गई थी. इसके दो महीने के भीतर ही ‘सागर-सेतु’ ऐप का शुभारंभ किया गया है, जो समुद्री व्यापार को बढ़ावा देगा और इससे देश की अर्थव्यवस्था में उन्नति होगी. भारत का लगभग 95% व्यापार और मूल्य के हिसाब से 65% बंदरगाहों द्वारा सुगम समुद्री परिवहन के माध्यम से किया जाता है.