Central Cabinet Expansion: केंद्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल से पहले पीएम नरेंद्र मोदी और उनके मंत्रियों की 4 दिन में 2 बार हुई बैठक

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और भगवा पार्टी के प्रभारी महासचिव बीएल संतोष ने सरकार के कामकाज में आवश्यक सुधारों और सरकार एवं संगठन के बीच तालमेल कैसे हासिल किया जाए, इस पर सुझाव लेने के लिए नवीनतम सत्र में मोदी से मुलाकात की.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Photo Credits: ANI)

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल (Union Cabinet) के विस्तार या केंद्र में फेरबदल पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन इस संबंध में अटकलें जरूर लगाई जा रही हैं, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने चार दिनों के अंतराल में पार्टी के शीर्ष अधिकारियों और मंत्रियों के दो अलग-अलग समूहों के साथ लगातार दो बैठकें की हैं. भारतीय जनता पार्टी (BJP) में कुछ लोगों ने नाम न छापने का अनुरोध करते हुए उल्लेख किया कि पीएम की अपने कैबिनेट सहयोगियों के साथ बैठकें नियमित मामलों से ज्यादा कुछ नहीं हैं. उनके अनुसार, ये बैठकें केवल यह जानने के लिए आयोजित की गई थी कि उनके मंत्रालयों में क्या चल रहा है और कोविड-19 (Covid-19) संकट के बीच भविष्य की विकास योजना क्या है. PM Modi ने किया ऐलान- 21 जून से पूरी तरह से केंद्र सरकार उठाएगी 18+ लोगों के वैक्सीनेशन की जिम्मेदारी, सभी को लगेगी फ्री में वैक्सीन

एक सूत्र ने बताया कि माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री ने पिछले दो वर्षों में सरकार द्वारा किए गए कार्यों का जायजा लिया और कई अन्य मुद्दों पर चर्चा की. दोनों विचार-मंथन सत्र - एक पिछले सप्ताह शुक्रवार को और दूसरा सोमवार को - प्रधानमंत्री के 7, लोक कल्याण मार्ग स्थित आवास पर आयोजित किया गया.

सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री के साथ कैबिनेट मंत्रियों की दोनों बातचीत करीब पांच घंटे तक चली.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और भगवा पार्टी के प्रभारी महासचिव बीएल संतोष ने सरकार के कामकाज में आवश्यक सुधारों और सरकार एवं संगठन के बीच तालमेल कैसे हासिल किया जाए, इस पर सुझाव लेने के लिए नवीनतम सत्र में मोदी से मुलाकात की.

केंद्रीय मंत्री सदानंद गौड़ा, वीके सिंह और वी मुरलीधरन उन अन्य नेताओं में शामिल रहे, जो कथित तौर पर विचार-विमर्श में शामिल हुए थे. शुक्रवार की बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद, जितेंद्र सिंह, बीजेपी अध्यक्ष नड्डा और संतोष शामिल थे.

हालांकि पार्टी ने कहा है कि इस तरह की बैठकें एक नियमित मामला है और अब केवल इसलिए इस पर इतना ध्यान आकर्षित हो रहा है, क्योंकि शारीरिक बैठकें (फिजिकल मीटिंग्स) लंबे अंतराल के बाद हो रही हैं.

दरअसल कोविड महामारी के प्रकोप के कारण पिछले लंबे समय से बैठकें वर्चुअल यानी ऑनलाइन ही आयोजत की जा रही थी.

वहीं राजनीतिक पर्यवेक्षकों और पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का मानना है कि यह संभावित मंत्रिमंडल विस्तार और फेरबदल से पहले की कवायद हो सकती है, लेकिन अभी तक इस संबंध में कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है.

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