अमृतसर ट्रेन हादसा: शुरुआती इंकार के बाद अब मामले की जांच कराने को तैयार हुआ रेलवे
भारतीय रेलवे ने शुक्रवार को कहा कि अमृतसर हादसे की जांच मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त करेंगे. इस हादसे में एक ट्रेन की चपेट में आ जाने से पटरी के किनारे रावण दहन देख रहे 60 लोग मारे गए थे.
नई दिल्ली: भारतीय रेलवे ने शुक्रवार को कहा कि अमृतसर हादसे की जांच मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त करेंगे. इस हादसे में एक ट्रेन की चपेट में आ जाने से पटरी के किनारे रावण दहन देख रहे 60 लोग मारे गए थे. गौरतलब है कि करीब दो हफ्ते पहले हुए इस हादसे के बाद रेलवे ने कहा था कि वह इस घटना को कोई जांच नहीं करवाएगा. उत्तरी रेलवे की ओर से जारी एक अधिसूचना के मुताबिक, जांच रविवार, चार नवंबर से शुरू होगी. अधिसूचना के जरिए रेलवे ने ऐसे लोगों को मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त शैलेस पाठक के सामने अपना बयान दर्द कराने के लिए आमंत्रित किया है, जिनके पास हादसे से जुड़ी सूचना है.
अमृतसर स्थित रेलवे मैकेनिकल वर्कशॉप में लोग मुख्य रेल संरक्षा आयुक्त के सामने अपना बयान दर्ज करा सकेंगे. यह पांच नवंंबर तक चलेगा. रेलवे ने बयान जारी कर कहा कि रेलवे के मुख्य संरक्षा आयुक्त उन मामलों की जांच कर सकते हैं, जहां नियम और कानून के अनुसार यह आवश्यक नहीं. इस मामले में भी वह ऐसा ही करेंगे.
बयान के मुताबिक,अमृतसर के सांसद गुरजीत सिंह औजला ने रेल मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात कर व्यक्तिगत रूप से 23 अक्टूबर को लिखा अपना पत्र सौंपते हुए इस हादसे की जांच मुख्य रेलवे संरक्षा आयुक्त से कराने का आग्रह किया. रेल मंत्रालय ने इस आग्रह और अन्य तथ्यों, परिस्थितियों और कानूनी प्रावधानों पर विचार किया. यह भी पढ़ें: अमृतसर रेल हादसा: DRM ने बताया तेज रफ्तार का सच, कहा दुर्घटना के बाद ट्रेन रोकी थी, भीड़ ने हमला किया तो आगे बढ़ गए
इसमें कहा गया कि कानून के अनुसार ऐसे मामलों में मुख्य रेलवे संरक्षा आयुक्त से जांच कराने की आवश्यकता नहीं है लेकिन ऐसा कराना अनुचित भी नहीं है. लखनऊ के मुख्य रेलवे संरक्षा आयुक्त को मामले में उन परिस्थितयों की जांच करने को कहा गया है जिस कारण यह हादसा हुआ था. साथ ही यह भी कहा कि प्रथम दृष्टया इस हादसे के लिए परिवाहक जिम्मेदार दिखाई नहीं देता.