आधार कार्ड से जुड़ी गलत जानकारी देने पर लग सकता है 10 हजार रुपये का जुर्माना, जानिए पूरा मामला
आधार और पैन कार्ड का परस्पर इस्तेमाल जो 1 सितंबर 2019 से प्रभावी हुआ कई मायनों में भारतीय टैक्सपेयर्स के लिए फायदेमंद साबित हुआ है. सबसे बड़ी सुविधा इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के मामले में हुई है जहां अब पैन के बजाय 12 अंकों के आधार कार्ड नंबर का इस्तेमाल किया जा सकता है.
आधार (Aadhaar) और पैन कार्ड का परस्पर इस्तेमाल जो 1 सितंबर 2019 से प्रभावी हुआ कई मायनों में भारतीय टैक्सपेयर्स के लिए फायदेमंद साबित हुआ है. सबसे बड़ी सुविधा इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) फाइल करने के मामले में हुई है जहां अब पैन (PAN) के बजाय 12 अंकों के आधार कार्ड नंबर का इस्तेमाल किया जा सकता है. लेकिन कई सारे लोग यह नहीं जानते हैं कि आधार की गलत जानकारी प्रस्तुत करने पर 10,000 रुपये का भारी जुर्माना भी लगता है. नियमों के मुताबिक, पैन के बजाय गलत आधार नंबर प्रदान करना या किसी लेनदेन (Transaction) में पैन या आधार प्रदान करने में विफल होना या फिर जहां आवश्यक हो वहां बायोमेट्रिक पहचान (Biometric Identity) को प्रमाणित नहीं करने पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगता है.
नया जुर्माना केवल उन मामलों में लागू होता है जहां इनकम टैक्स विभाग ने पैन का उपयोग करना अनिवार्य कर दिया है और जहां आधार का उपयोग किया जाता है. उदाहरण के तौर पर, इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते समय, बैंक खाता खोलते वक्त, म्यूचुअल फंड खरीदते और 50,000 से अधिक के बॉन्ड या डीमैट खाता खोलते समय. यह भी पढ़ें- Aadhaar और PAN का होगा परस्पर इस्तेमाल, आधार कार्ड के जरिए भी भर सकेंगे इनकम टैक्स रिटर्न.
इनकम टैक्स अधिनियम, 1961 की धारा 272बी के मुताबिक, अगर इनकम टैक्सपेयर पैन के प्रावधानों का पालन करने में नाकाम होता है तो इनकम टैक्स विभाग जुर्माना लगा सकता है. इससे पहले, जुर्माना केवल पैन तक सीमित था, लेकिन सितंबर में पैन-आधार इंटरचेंजिबिलिटी (Interchangeability) का प्रावधान आया तो यह आधार के लिए भी लागू हो गया.
हर एक डिफॉल्ट के लिए जुर्माने की राशि 10,000 रुपये है. इसलिए अगर टैक्सपेयर ने दो अलग-अलग स्थानों पर गलत आधार विवरण का उल्लेख किया है, तो जुर्माना 20,000 रुपये तक जा सकता है.