7th Pay Commission: इस वजह से सरकारी कर्मचारियों को दिया जाता है ड्रेस अलाउंस, सैलरी में होती है अच्छी खासी बढ़ोतरी- जानें डिटेल्स
देशभर में कार्यरत केंद्र और राज्य सरकार के करोड़ों कर्मचारियों को उनके पद के हिसाब से कई तरह के भत्ते (Allowance) दिए जाते है. हालांकि यह भत्ते भी उनकी सैलरी का एक हिस्सा होता है. इस बीच हम आपकों एक ऐसे भत्ते से अवगत करवाना जा रहे है, जिसका भुगतान सातवें वेतन आयोग (7th pay commission) की सिफारिशों के तहत सरकार विभिन्न विभागों में कार्यरत कर्मचारियों को करती है.
7th CPC News: देशभर में कार्यरत केंद्र और राज्य सरकार के करोड़ों कर्मचारियों को उनके पद के हिसाब से कई तरह के भत्ते (Allowance) दिए जाते है. हालांकि यह भत्ते भी उनकी सैलरी का एक हिस्सा होता है. इस बीच हम आपकों एक ऐसे भत्ते से अवगत करवाना जा रहे है, जिसका भुगतान सातवें वेतन आयोग (7th pay commission) की सिफारिशों के तहत सरकार विभिन्न विभागों में कार्यरत कर्मचारियों को करती है. 7th Pay Commission: मोदी सरकार ने अपने लाखों पूर्व कर्मचारियों को दी बड़ी राहत, अब इस वजह से नहीं रुकेगी पेंशन
केंद्र सरकार पहले वर्दियों, कपड़ों की साफ-सफाई और अनुरक्षण के लिए विभिन्न प्रकार के भत्तों का भुगतान करती थी- जैसे धुलाई भत्ता, यूनिफॉर्म भत्ता, किट रख-रखाव भत्ता, आऊटफिट भत्ता आदि. इन सभी भत्तों को युक्तिसंगत बनाकर साल 2017 से इन्हें ड्रेस भत्ता (Dress Allowance) कर दिया गया है. इसके साथ ही भत्तों की संशोधित दरें भी 1 जुलाई 2017 से लागू कर दी गई. इससे सीधे तौर पर 48 लाख से भी अधिक केंद्रीय कर्मचारियों को फायदा मिलेगा.
ड्रेस भत्ते को विभिन्न श्रेणी के कर्मचारियों को 5000, 10000, 15000 और 20000 रुपये की चार दरों के अनुसार वार्षिक रूप से प्रदान किया जा रहा है. उच्च रख-रखाव और स्वच्छता जरूरतों को ध्यान में रखते हुए, यह भत्ता नर्सों को प्रतिमाह प्रदान किया जाता है. सरकार ने एसपीजी कार्मिकों को भुगतान किए जाने वाले यूनिफॉर्म भत्ते की विद्यमान दरों और उनकी विशिष्ट जरूरतों को ध्यान में रखते हुए उन्हें ड्रेस भत्ते की उच्च दर (जो कि 7वें केन्द्रीय वेतन आयोग की सिफारिश से अधिक है) प्रदान करने का निर्णय लिया है. विभिन्न श्रेणियों के कर्मचारियों को मिलने वाले ड्रेस भत्ते की डिटेल यहां क्लिक कर देखें
सरकार ने स्पष्ट किया है कि विभिन्न श्रेणियों के कर्मचारियों के लिए विशिष्ट क्लोथिंग की दरों को अलग ये प्रशासित किया जाएगा. हाल ही में नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने सशस्त्र बलों के कर्मियों को वर्दी भत्ता दिए जाने के संबंध में लिए गए निर्णय को लागू करने की योजना में कमी के लिए रक्षा मंत्रालय की आलोचना की.
बीते महीने कैग ने राज्यसभा में पटल पर रखी गई रिपोर्ट में कहा कि अधिकारी स्तर से नीचे के कर्मियों को वर्दी भत्ता प्रदान करने के लिए सातवें वेतन आयोग की सिफारिश के बाद मंत्रालय द्वारा इस मामले पर स्पष्टीकरण जारी करने में कई महीने लग गए. रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त मंत्रालय ने वेतन आयोग की सिफारिशें अगस्त 2017 में ही स्वीकार कर ली थीं. कैग द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया '' रक्षा मंत्रालय ने सशस्त्र बलों को इस निर्णय के बारे में जानकारी देने में तीन महीने लगा दिए और फिर बुनियादी और विशेष वर्दी पर विस्तृत स्पष्टीकरण जारी करने में और आठ महीने लगा दिए.''