7th Pay Commission: सरकारी कर्मचारियों को 7वीं सीपीसी के तहत इतना मिलता है मकान भाड़ा भत्ता, जानें एचआरए कैलकुलेशन नियम
रुपया (Photo Credits: PTI)

7th pay Commission: सरकारी कर्मचारियों को बेहतर जीवनयापन के लिए मकान भाड़ा भत्‍ता यानि हाउस रेंट अलाउएंस (एचआरए) दिया जाता है. हालांकि एचआरए (HRA) भी सैलरी का ही एक हिस्सा होता है. केंद्र और राज्य सरकार अपने-अपने कर्मचारियों को उनके ग्रेड के अनुरूप एचआरए (House Rent Allowance) देती है. सबसे खास बात एचआरए के तहत मिलने वाली राशि पर कोई टैक्स नहीं देना पड़ता.

सातवें वेतन आयोग (7th CPC) की सिफारिशों के मुताबिक देशभर में कार्यरत केंद्रीय कर्मचारियों को एचआरए के तौर पर मूल वेतन का 8 से 24 फीसदी हिस्सा दिया जाता है. हालांकि यह आंकड़ा कर्मचारी किस स्थान पर ड्यूटी कर रहे है उस पर निर्भर करता है. जिस वजह से कई बार कर्मचारियों के मन में एचआरए को लेकर भ्रम रहता है. 7th Pay Commission: होली से पहले इन अधिकारियों को मिलेगी बड़ी खुशखबरी, सैलरी में होगा बंपर इजाफा?

देशभर में सातवां वेतनमान लागू होने के साथ ही मकान भाड़ा भत्‍ता यानि एचआरए में संशोधन किया गया. अब वर्ग ‘एक्‍स’, ‘वाई’ और ‘जेड’ शहरों के लिए मूल वेतन के संबंध में एचआरए क्रमश: 24 प्रतिशत,16 प्रतिशत और 08 प्रतिशत की दर से दिया जाता है. साथ ही एक्स, वाई एवं जेड शहरों के लिए एचआरए 5400, 3600 एवं 1800 रुपये से कम नहीं होगा, 18000 रुपये के न्यूनतम वेतन के 30, 20 एवं 10 फीसदी की दर से इसकी गणना की जाएगी. इससे करीब इससे 7.5 लाख से भी ज्यादा कर्मचारी को फायदा पहुंचेगा.

सातवें सीपीसी ने डीए के 50 एवं 100 फीसदी के स्तर पर पहुंचने की स्थिति में एचआरए में संशोधन की सिफारिश की थी, हालांकि मोदी सरकार ने डीए के क्रमशः 25 एवं 50 फीसदी से ज्यादा होने की स्थिति में दरों में संशोधन करने का निर्णय लिया.