7th Pay Commission Latest News: 47 लाख 68 हजार केंद्रीय कर्मचारियों (Central Government Employees) और 68 लाख 62 हजार पेंशनभोगियों (Pensioners) के लिए बड़ी खबर है. नवीनतम मीडिया रिपोर्टों पर विश्वास किया जाए तो केंद्र सरकार 7वें वेतन आयोग के बाद कोई नया वेतन आयोग नहीं लाने की तैयारी कर रही है. कर्मचारियों का पे-फैक्टर तय करने के लिए केंद्र सरकार (Central Government) कोई नया फॉर्मूला पेश कर सकती है.
वित्त मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि नई वेतन वृद्धि फॉर्मूला सरकारी कर्मचारियों के काम के प्रदर्शन पर आधारित होगी. हालांकि वेतन गणना में आकलन के संबंध में तौर-तरीके अभी स्पष्ट नहीं हैं. लेकिन बताया जा रहा है इस संबंध में केंद्र कथित तौर पर काम भी कर रहा है. 7th CPC: अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में कार्यरत केंद्रीय कर्मचारियों को मिलता है यह खास भत्ता
मीडिया रिपोर्टों का कहना है कि सरकार एक ऐसे फॉर्मूले पर काम कर रही है जो महंगाई भत्ता (Dearness Allowance) 50 प्रतिशत से अधिक हो जाने पर खुद से वेतन घटक की गणना करेगी. इस नई वेतन वृद्धि फॉर्मूला को ऑटोमेटिक पे रिवीजन सिस्टम (Automatic Pay Revision) नाम दिया जा सकता है.
बता दें कि सरकारी कर्मचारियों (Government Employees) और पेंशनभोगियों को सातवें केंद्रीय वेतन आयोग (सीपीसी) की सिफारिशों का पिछले कुछ वर्षों से लाभ मिल रहा है. रिपोर्ट्स के अनुसार, पूर्व में सरकारी कर्मचारियों को 5वें सीपीसी के समय आयोग की सिफारिशों को अमल में लाने के लिए 19 महीने और छठे सीपीसी के कार्यान्वयन के समय 32 महीने तक का इंतजार करना पड़ा था. जबकि साल 2016 में केंद्र सरकार ने 7वीं सीपीसी की सिफारिशों को ड्यू डेट के 6 महीने के भीतर लागू कर दिया था.
उल्लेखनीय है कि 2014 में यूपीए सरकार के तहत सातवें वेतन आयोग का गठन किया गया था. वेतन आयोग को अपनी रिपोर्ट जमा करने के लिए 18 महीने का समय दिया गया था. लेकिन मोदी सरकार ने केंद्र की सत्ता में आने के बाद सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू करने का बड़ा फैसला लिया था. केंद्र सरकार ने जून 2017 में 34 भत्तों में संशोधनों को मंजूरी दी थी. यह संशोधन 1 जुलाई 2017 से प्रभावी हुआ है.