मोदी सरकार की बड़ी जीत: महंगाई की टूटी कमर, 19 महीने के निचले स्तर पर पहुंची
अपने दमदार फैसलों की बदौलत मोदी सरकार ने महंगाई की कमर तोड़ दी है. यहीं वजह है कि देश में खुदरा महंगाई दर डेढ़ साल के निचले स्तर पर पहुंच गई है.
नई दिल्ली: अपने दमदार फैसलों की बदौलत मोदी सरकार ने महंगाई (Inflation) की कमर तोड़ दी है. यहीं वजह है कि देश में खुदरा महंगाई (Retail Inflation) दर डेढ़ साल के निचले स्तर पर पहुंच गई है. आज जारी आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी में खुदरा महंगाई दर 2.05% रही. जो कि बीते 19 महीने में सबसे कम स्तर पर है. इससे पहले दिसंबर में खुदरा महंगाई दर 2.19% और नवंबर में 2.33% थी.
देश के खुदरा मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित मुद्रास्फीति दर जनवरी में 2.05 फीसदी रही, जबकि पिछले साल के इसी महीने में यह 5.07 फीसदी थी. इस प्रकार खुदरा महंगाई दर में आधा से अधिक की गिरावट दर्ज की गई है. वहीं, ग्रामीण क्षेत्र की महंगाई दर मासिक आधार पर घटकर 1.29% पर आ गई है.
वहीं, दिसंबर, 2018 में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक 2.4% रहा, जो दिसंबर, 2017 के मुकाबले उच्च स्तर है. इससे पहले रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने नीतिगत ब्याज दरों में लंबे समय बाद कटौती कर आम आदमी की जेब पर पड़ने वाले बोझ को कम किया था.
गौरतलब हो कि वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने अंतरिम बजट से पहले कहा था कि हमारी सरकार दहाई अंक वाली मुद्रास्फीति पर लगाम कसने में सफल रही है. उन्होंने कहा था कि हमने ‘कमरतोड़ महंगाई की कमर तोड़ी’ है और हमारे कार्यकाल में औसत मुद्रास्फीति 4.6 प्रतिशत रही.
वर्ष 2019-20 के लिए अंतरिम बजट पेश करते हुए गोयल ने कहा था, ‘‘2009-14 के दौरान मुख्य तौर पर खादद्य मुद्रास्फीति बढ़ी थी. इसे देखते हुए हमारी सरकार ने कमरतोड़ महंगाई की कमर तोड़ी. हम मुद्रास्फीति को 4.6 प्रतिशत के औसत पर लेकर आए जो किसी भी अन्य सरकार के पूरे कार्यकाल के मुद्रास्फीति आंकड़े से कम है.’’ उन्होंने कहा कि यदि हम महंगाई को कम नहीं करते तो हमारे परिवारों को खाना, यात्रा और आवास जैसी बुनियादी जरूरतों पर 35 से 40 प्रतिशत अधिक खर्च करना पड़ता है.