नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख (Ladakh) में चीन (China) के साथ गतिरोध के बीच रक्षा मंत्रालय ने स्वीकार किया है कि चीनी पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने मई महीनें में घुसपैठ की थी. मंत्रालय ने कहा है कि गलवान घाटी (Galwan Valley) में चीनी आर्मी की आक्रामकता 5 मई के बाद बढ़ी है. हालांकि भारतीय सेना ने चीन के हर दुस्साहस का मुंहतोड़ जवाब दिया है.
रक्षा मंत्रालय के एक दस्तावेज में कहा गया है कि चीनी आक्रामकता 5 मई 2020 के बाद से एलएसी (Line of Actual Control) और विशेष रूप से गालवान घाटी (Galwan Valley) में बढ़ रही है. चीनी पक्ष ने कुगरांग नाला (Kugrang Nala), गोगरा (Gogra) और पंगोंग त्सो झील (Pangong Tso Lake) के उत्तरी तट पर 17 मई -18 को स्थानांतरित किया. चीन की आक्रामकता के बीच भारत और अमेरिका के करीबी संबंध महत्वपूर्ण हैं
वहीं, भारतीय और चीनी सैन्य प्रतिनिधियों के बीच चल रही असहमति पर चर्चा करने के लिए पांचवें दौर की वार्ता रविवार को मोल्दो में हुई. चीन 14 जुलाई को कोर कमांडर स्तर की बैठक के दौरान निकाले गए पुलबैक रोडमैप का पालन नहीं कर रहा है. पैंगोंग झील में चीन ने फिंगर 5 और 8 के बीच अपनी स्थिति मजबूत कर ली है. भारत ने लद्दाख में 35,000 से अधिक सैनिकों को तैनात किया है.
Chinese aggression has been increasing along the LAC & more particularly in Galwan Valley since 5th May 2020. Chinese side transgressed into the areas of Kugrang Nala, Gogra and north bank of Pangong Tso lake on May 17 –18 2020: Defence Ministry on its major activities in June pic.twitter.com/YG9rbp7C89
— ANI (@ANI) August 6, 2020
गौरतलब है कि बीजिंग ने 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) की गहराई वाले क्षेत्रों में सैन्य टुकड़ियां बढ़ाने के साथ ही अन्य सामग्रियों की आपूर्ति शुरू कर दी है. चीनी पक्ष ने एलएसी, पश्चिमी (लद्दाख), मध्य (उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश) और पूर्वी (सिक्किम, अरुणाचल) के तीन क्षेत्रों में सेना, तोपखाने और कवच का निर्माण शुरू कर दिया है. चीन ने उत्तराखंड के लिपुलेख र्दे के पास भी सैनिकों को जुटाया है. भारत, नेपाल और चीन के बीच एक त्रिकोणीय जंक्शन लिपुलेख दर्रा, कालापानी घाटी में स्थित है.
उल्लेखनीय है कि भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में तब हालात और खराब हो गए जब 15 जून को गलवान घाटी में चीनी सैनिकों ने भारतीय जवानों के साथ खूनी झड़प की. इस झड़प में भारत के 20 सैन्यकर्मी शहीद हुए थे, जबकि अमेरिका की एक खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक चीन के 35 जवान हताहत हुए, लेकिन चीन ने पीएलए (पीपल्स लिबरेशन आर्मी) जवानों के हताहत होने की जानकारी अब तक छुपा रखी है. (एजेंसी इनपुट के साथ)