Indian Stock Market: भारतीय शेयर बाजार लाल निशान में बंद, प्रमुख वैश्विक नीतिगत निर्णयों पर टिकी निगाहें

भारतीय शेयर बाजार मंगलवार को प्रमुख नीतिगत निर्णयों, खास तौर पर अमेरिकी फेडरल रिजर्व के फैसले से पहले, लाल निशान में बंद हुआ. कारोबार के अंत में निफ्टी के पीएसयू बैंक, ऑटो, आईटी, फाइनेंशियल सर्विस, फार्मा, एफएमसीजी, मेटल और रियल्टी सेक्टर में बिकवाली देखी गई.

Indian Stock Market: भारतीय शेयर बाजार लाल निशान में बंद, प्रमुख वैश्विक नीतिगत निर्णयों पर टिकी निगाहें
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मुंबई, 17 दिसंबर : भारतीय शेयर बाजार मंगलवार को प्रमुख नीतिगत निर्णयों, खास तौर पर अमेरिकी फेडरल रिजर्व के फैसले से पहले, लाल निशान में बंद हुआ. कारोबार के अंत में निफ्टी के पीएसयू बैंक, ऑटो, आईटी, फाइनेंशियल सर्विस, फार्मा, एफएमसीजी, मेटल और रियल्टी सेक्टर में बिकवाली देखी गई.

सेंसेक्स 1,064.12 अंक या 1.30 प्रतिशत की गिरावट के साथ 80,684.4 पर बंद हुआ और निफ्टी 332.25 अंक या 1.35 प्रतिशत की गिरावट के साथ 24,336 पर बंद हुआ. बाजार के जानकारों के अनुसार, अमेरिकी फेड, बैंक ऑफ जापान और बैंक ऑफ इंग्लैंड के प्रमुख नीतिगत निर्णयों से पहले सभी क्षेत्रों में निराशा बनी हुई है. हालांकि, बाजार ने पहले ही अमेरिकी फेड द्वारा 25 आधार अंकों की कटौती को ध्यान में रखा है, लेकिन यह किसी भी आक्रामक संकेत के लिए पहले से ही सतर्क है. यह भी पढ़ें : Gemmological Institute IPO 34 गुना सब्सक्राइब, GMP ने भी मचाई धूम, बड़े मुनाफे की उम्मीद

निफ्टी बैंक 746.55 अंक या 1.39 प्रतिशत की गिरावट के साथ 52,834.80 पर बंद हुआ. निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 341.15 अंक या 0.57 प्रतिशत की गिरावट के साथ 59,101.90 पर बंद हुआ. निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 132.60 अंक या 0.68 प्रतिशत की गिरावट के साथ 19,398.45 पर बंद हुआ. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) पर 1,578 शेयर हरे और 2,440 लाल निशान में बंद हुए, जबकि 89 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ. सेक्टोरल फ्रंट पर निफ्टी के मीडिया सेक्टर में खरीदारी देखने को मिली.

सेंसेक्स पैक में भारती एयरटेल, इंडसइंड बैंक, जेएसडब्ल्यू स्टील, टीसीएस, एशियन पेंट्स, एलएंडटी, बजाज फिनसर्व, रिलायंस, नेस्ले इंडिया, एचडीएफसी बैंक, मारुति, एमएंडएम, टाटा स्टील और पावर ग्रिड टॉप लूजर्स थे. केवल आईटीसी ही अकेला टॉप गेनर रहा. रुपया 84.90 के करीब स्थिर रहा, क्योंकि बाजार 18 दिसंबर को निर्धारित फेड के वर्ष के अंतिम नीतिगत निर्णय पर केंद्रित है.

एलकेपी सिक्योरिटीज के कमोडिटी और करेंसी के उपाध्यक्ष अनुसंधान विश्लेषक जतिन त्रिवेदी ने कहा, "एक नरम रुख डॉलर सूचकांक को नीचे धकेल सकता है, जिससे रुपये को राहत मिलेगी. हालांकि, कोई भी अनिश्चित या आक्रामक टिप्पणी डॉलर को मजबूत कर सकती है और प्रतिभागियों को रुपये पर मंदी का रुख बनाए रख सकती है. रुपये की सीमा 84.75 और 85.05 (प्रति डॉलर) के बीच होने का अनुमान है."


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