रेलवे ने अपने 3 लाख कर्मचारियों की छंटनी से किया इनकार, कहा ‘केवल होगा परफॉर्मेंस रिव्यू’
इंडियन रेलवें (Photo Credits: Wikimedia Commons)

नई दिल्ली: भारतीय रेलवे (Indian Railways) बड़े पैमाने पर अपने कर्मचारियों की छंटनी की कोई योजना नहीं बना रहा है. इस बात का खुलसा खुद रेल मंत्रालय (Ministry of Railways) ने किया है. दरअसल मीडिया में ऐसी खबरें थी की रेलवे अपनी दक्षता बढ़ाने और लागत में कटौती के लिए अगले 6 से 12 महीनों में अपने 3 लाख कर्मचारियों को काम से निकाल सकता है.

सभी रिपोर्ट्स का खंडन करते हुए रेल मंत्रालय ने कहा कि नौकरियों में कटौती की कोई योजना नहीं है और केवल नियमित कामकाज की समीक्षा (परफॉर्मेंस रिव्यू) की जाएगी. इसके लिए सभी जोनल कार्यालयों को एक पत्र भी भेजा गया है. ऐसा दावा किया जा रहा था कि भारतीय रेलवे अपने कर्मचारियों की संख्या घटाकर 10 लाख करने की योजना पर काम कर रहा है. रेलवे के अलग-अलग विभागों में वर्तमान समय में 13 लाख से अधिक कर्मचारी काम करते है.

रेलवे ने दी सफाई-

रेलवे ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि नौकरियों में कटौती की योजना नहीं बनाई जा रही है. जोनल कार्यालयों को ऐसे कर्मचारियों की पहचान करने को लेकर पत्र भेजा गया हैं जिनकी आयु 55 वर्ष से अधिक हो गई है और जिन्होंने सेवा में 30 वर्ष पूरे कर लिए है. इसका मकसद केवल उनके कामकाज की ‘‘नियमित’’ समीक्षा करना है. रेलवे का यह स्पष्टीकरण उन अटकलों के बाद आया है जिनमें कहा जा रहा था कि रेलवे बड़ी संख्या में अपने कर्मचारियों को अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्त करने की योजना बना रहा है.

रिपोर्ट्स में कही गई थी ये बात-

रेलवे ने अक्षम कर्मचारियों की छंटनी के लिए अपने मंडल कार्यालयों को पत्र लिखा है. इसमें उन कर्मचारियों की लिस्ट बनाने की बात कही गई है जो 2020 की पहली तिमाही में 55 साल के हो जाएंगे या जिनकी सेवा 30 साल पूरी हो जाएगी. दरअसल 30 साल की सेवा पूरा कर लेने वाले रेल कर्मचारी पेंशन के पात्र हो जाते है. सूत्रों के हवाले से बताया गया था कि जो कर्मचारी सेवा में बने रहने के लायक नहीं हैं, उन्हें वक्त से पहले रिटायरमेंट की पेशकश की जाएगी. इसके तहत जिन कर्मचारियों का काम ठीक नहीं है या जिनके खिलाफ कोई अनुशासनात्मक मामले है उनकी छुट्टी हो सकती है.