देश भर में लागू कोरोना लॉकडाउन (Lockdown) के बीच अलग-अलग हिस्सों में फंसे प्रवासी मजदूरों, छात्रों, पर्यटकों आदि को उनके गृह राज्य वापस भेजने के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं. इन श्रमिक स्पेशल ट्रेनों (Shramik Trains) के संचालन पर रेल मंत्रालय ने गाइडलाइंस जारी की हैं. मंत्रालय ने कहा, 'श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का संचालन करने के लिए निर्दिष्ट गंतव्य के अनुसार राज्य द्वारा दी गई यात्रियों की संख्या के अनुसार ट्रेन टिकट की छपाई की जाएगी. गाइडलाइन के मुताबिक राज्य प्रशासन यात्रियों को रेलवे का टिकट सौंपेगा और उनसे किराया लेकर कुल राशि रेलवे को भुगतान करेगा.
गाइडलाइन में रेलवे ने फिर स्पष्ट किया इन ट्रेनों में सिर्फ उन्हीं लोगों को ले जाया जा रहा है जिन्हें राज्य सरकारों ने अधिकृत किया है. मंत्रालय ने कहा, 'रेलवे सिर्फ राज्य सरकारों द्वारा लाए गए यात्रियों को स्वीकार कर रहा है. इन यात्रियों के अलावा किसी भी व्यक्ति को स्टेशन नहीं आना है. राज्य सरकारों के अनुरोध पर कुछ ही ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है और अन्य सभी यात्री गाड़ियां और उपनगरीय रेल सेवाएं बंद हैं.' यह भी पढ़ें- रेलवे ने प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए 10 ट्रेनों को किया रवाना.
यहां देखें पूरी गाइडलाइन-
Guidelines to operate ‘Shramik Trains’-Railways to print train tickets to specified destination as per no. of passengers indicated by originating state.Local state govt authority to handover tickets to passengers&collect ticket fare&handover total amount to Railways: Railways Min pic.twitter.com/JAAsZW9YEr
— ANI (@ANI) May 3, 2020
बता दें कि लॉकडाउन में दूसरे राज्यों में मजदूरों की गृह राज्य में वापसी शुरू हो गई है. श्रमिक स्पेशल ट्रेन से मजदूरों को अपने-अपने राज्य में भेजने का जिम्मा रेल मंत्रालय ने उठाया है. ट्रेनों से इन लोगों को भेजा जा रहा है. स्टेशन पर उतरने के बाद सभी को बस से उनके शहर भेजने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है.
बता दें कि देश में कोरोना वायरस की वजह से लॉकडाउन लागू हुए एक महीने से अधिक का वक्त हो गया है. इस बीच सबसे अधिक मुश्किलें प्रवासी मजदूरों को उठानी पड़ी हैं. एक महीने से अधिक समय के बाद सभी मजदूरों को घर वापस भेजने का काम शुरू हो गया है. देश में 25 मार्च को लॉकडाउन लागू होने के बाद से हजारों प्रवासी देश के विभिन्न स्थानों में फंसे हुए थे. कई लोगों ने पैदल चलकर सैकड़ों किलोमीटर दूर घर जाने का प्रयास भी किया.