नई दिल्ली: केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnav) ने कहा है कि भारतीय रेल (Indian Railways) के निजीकरण (Privatization) की कहीं कोई बात नहीं है और सरकार रेलवे का निजीकरण करने नहीं जा रही है. केंद्रीय बजट (Union Budget 2022-23) के तहत 2022-23 के लिए रेल मंत्रालय (Railway Ministry) के नियंत्रणाधीन अनुदानों की मांगों पर चर्चा का जवाब देते हुए केंद्रीय रेल मंत्री ने विरोधी दलों द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब देते हुए कहा कि रेलवे स्टेशन (Railway Stations) सरकार का है, रेल की पटरियां सरकार की है, सिग्नलिंग सिस्टम सरकार का है, ट्रेन के कोच सरकार के हैं, तो रेलवे का निजीकरण का सवाल ही कहां उठता है. Indian Railway ने कर दिखाया एक और कारनामा: ‘कवच’ रही सफल, परखने के लिए इंजन में खुद बैठे थे रेल मंत्री (VIDEO)
उन्होंने पूर्व रेल मंत्री पीयूष गोयल के बयान का हवाला देते हुए कहा कि वो पहले ही साफ कर चुके हैं कि रेल का निजीकरण नहीं होगा. गौरतलब है कि केंद्रीय बजट के तहत 2022-23 के लिए रेल मंत्रालय के नियंत्रणाधीन अनुदानों की मांगों पर चर्चा की शुरूआत मंगलवार को कांग्रेस सांसद के सुरेश ने की थी. इसके बाद तृणमूल कांग्रेस, वाईएसआर कांग्रेस और डीएमके सहित विरोधी दलों के कई सांसदों ने रेलवे को सरकार को कठघरे में खड़ा किया था.
जवाब देते हुए रेल मंत्री ने विरोधी दलों के हमलों पर पलटवार करते हुए कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के सांसदों पर जमकर निशाना साधा. कांग्रेस द्वारा प्रोपोगंडा करने के आरोप पर पलटवार करते हुए अश्विनी वैष्णव ने बिना नाम लिए राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए कहा कि समस्या इनकी नहीं , इनकी पार्टी की है क्योंकि इनके नेता पता नहीं कब और कहां चले जाते हैं. भारतीय रेल के ऑपरेटिंग रेशो को लेकर कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी और रेल मंत्री के बीच लोक सभा में तीखी बहस हुई. तृणमूल कांग्रेस के नेता सुदीप बंदोपाध्याय और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के बीच भी तीखी बहस हुई. इस दौरान लोक सभा में हंगामा भी देखने को मिला.
चर्चा के बाद केंद्रीय बजट के तहत 2022-23 के लिए रेल मंत्रालय के नियंत्रणाधीन अनुदानों की मांगों को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया.