दुनिया में भारतीय अनानास की धूम, जानें क्या है इसकी खूबी

इन दिनों भारत के अनानास दुबई के बाजारों की शान बने हुए हैं. इसके पीछे पीएम मोदी का ‘वोकल फोर लोकल का मंत्र काम कर रहा है. दरअसल, पीएम मोदी के आह्वान पर ही देश ने ‘वोकल फोर लोकल’ के मंत्र की ताकत को पहचाना. बस फिर क्या था भारत के लोकल उत्पादों ने वैश्विक बाजारों में अपनी जगह बनाना शुरू कर दिया. इस कड़ी में मणिपुरी अनानास भी पीछे नहीं जो इन दिनों खूब चर्चा में है. दरअसल, दुबई के लुलु हाइपर मार्केट में देश के सुदूर राज्य मणिपुर के GI टैग अनानास धूम मचा रहे हैं.

अनानास (Photo: Pixabay)

इन दिनों भारत के अनानास दुबई के बाजारों की शान बने हुए हैं. इसके पीछे पीएम मोदी का ‘वोकल फोर लोकल का मंत्र काम कर रहा है. दरअसल, पीएम मोदी के आह्वान पर ही देश ने ‘वोकल फोर लोकल’ के मंत्र की ताकत को पहचाना. बस फिर क्या था भारत के लोकल उत्पादों ने वैश्विक बाजारों में अपनी जगह बनाना शुरू कर दिया. इस कड़ी में मणिपुरी अनानास भी पीछे नहीं जो इन दिनों खूब चर्चा में है. दरअसल, दुबई के लुलु हाइपर मार्केट में देश के सुदूर राज्य मणिपुर के GI टैग अनानास धूम मचा रहे हैं. यह भी पढ़ें: Gold Smuggling Viral Video: दुबई से जूते में छिपाकर ला रही थी सोने के बिस्किट, हैदराबाद एयरपोर्ट पर पकड़ा गया

2021-22 में 4.45 मिलियन यूएस डॉलर के अनानास का हुआ निर्यात

जानकारी है कि दुबई में मणिपुर के GI टैग अनानास का इन स्टोर प्रमोशन शो आयोजित किया गया था। इस शो में भारत के अनानास की दिवानगी लोगों के सिर चढ़कर बोली. केवल इतना ही नहीं भारत का अनानास न केवल दुबई बल्कि पूरी दुनिया में पंसद किया गया. यही वजह है कि वर्ष 2021-22 में 4.45 मिलियन यूएस डॉलर के मूल्य के 7665.42 मीट्रिक टन अनानास का निर्यात किया गया.

’वोकल फोर लोकल’ को मिल रहा बढ़ावा

आज के समय में दुनिया के कई देशों में मणिपुर के अनानास की भारी मांग की जा रही है. इससे निश्चित रूप से वैश्विक स्तर तक ”वोकल फोर लोकल” को बढ़ावा मिल रहा है. दरअसल, दुनिया में मणिपुर के अनानास की भारी मांग से छोटे काश्तकारों के उत्पादन में तो वृद्धि हुई ही है, साथ ही साथ उनकी आय में भी इजाफा हुआ है.

अंतरराष्ट्रीय बाजार में कैसे मिल रही पहचान ?

उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने इस कड़ी में एक अहम कदम उठाते हुए पूर्वोत्तर क्षेत्र में प्राकृतिक रूप से उगाए जाने वाले जैविक प्रमाणित ताजा अनानास की निर्यात क्षमता का दोहन करने की दिशा में दुबई में एक ‘इन-स्टोर एक्सपोर्ट प्रमोशन शो’आयोजित किया. यह आयोजन स्थानीय स्तर पर उत्पादित कृषि उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय बाजारों में बढ़ावा देने की सरकारी रणनीति का हिस्सा है. सबसे खास बात यह है कि मणिपुर ऑर्गेनिक मिशन एजेंसी (MOMA) ने सीधे मणिपुर के किसानों से ही अनानास की जैविक प्रमाणित केव किस्म को प्राप्‍त करने का समर्थन किया है. इससे किसानों को सीधा लाभ पहुंच रहा है. इस शो के जरिए मणिपुर के अनानास को अंतरराष्ट्रीय बाजार में ले जाया गया जिसे लोगों द्वारा खूब पसंद किया जा रहा है.

मणिपुरी अनानास की क्या है खासियत ?

मणिपुरी अनानास, जिसे एपीडा के सहयोग से प्रदर्शित किया जाता है, पूर्वोत्तर क्षेत्र (एनईआर) का फाइबर से भरपूर मीठा फल है. प्रदर्शित अनानास इम्फाल पूर्वी जिले, मणिपुर की थायोंग ऑर्गेनिक प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड से खरीदे जाते हैं. दुबई में इन-स्टोर एक्सपोर्ट प्रमोशन शो में फल की मिठास का स्वाद चखने के लिए उपभोक्ताओं को मणिपुरी अनानास पेश किया गया. पूर्वोत्तर अनानास एनईआर में उगाए जाने वाले सबसे महत्वपूर्ण उष्णकटिबंधीय फलों में से एक है और फाइबर से भरपूर इस फल की खेती लगभग सभी क्षेत्रों में की जाती है.

अनानास उत्पादन में मणिपुर छठे स्थान

वर्ष 2020-21 में 134.82 मीट्रिक टन उत्पादन के साथ भारत में अनानास उत्पादन में मणिपुर छठे स्थान पर है, जिसकी भारत में कुल उत्पादन में 7.46 फीसदी हिस्सेदारी है.

भारतीय अनानास के शीर्ष दस आयातक देश

भारतीय अनानास के शीर्ष दस आयातक देश यूएई, नेपाल, कतर, मालदीव, अमेरिका, भूटान, बेल्जियम, ईरान, बहरीन और ओमान हैं। वर्ष 2021-22 में 4.45 मिलियन अमेरिकी डॉलर मूल्य के 7665.42 मीट्रिक टन अनानास का निर्यात किया गया था। एपीडा के सहयोग से पिछले कुछ वर्षों में असम, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम और मेघालय जैसे पूर्वोत्तर राज्यों से कृषि उपज के निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है.

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