देश की रक्षा की जिम्मेदारी निभाने वाली अग्निपथ योजना में बड़े बदलाव आने वाले हैं! 2022 में लाई गई अग्निपथ योजना के तहत युवाओं को चार साल की सेवा के लिए सेना में भर्ती किया जाता है. इन चार सालों में, ये अग्निवीर सैन्य प्रशिक्षण पाते हैं और देश की सेवा करते हैं. चार साल पूरे होने के बाद, इनमें से केवल 25% अग्निवीरों को सेना में स्थायी रूप से रखा जाता है. बाकी के अग्निवीरों को CAPF, असम राइफल्स, राज्य पुलिस और अन्य क्षेत्रों में नौकरी पाने का मौका मिलता है. टाइम्स नाऊ के की एक रिपोर्ट के मुताबिक अग्निपथ योजना में बड़ा बदलाव होने वाला है.
क्या-क्या बदलाव हो सकते हैं?
अग्निवीरों को स्थायी सेवा में रखने का प्रतिशत बढ़ाया जा सकता है: अभी तक, केवल 25% अग्निवीरों को स्थायी सेवा में रखा जाता है, लेकिन अब इस प्रतिशत को बढ़ाकर 40-50% करने की योजना है!
अग्निवीरों और नियमित सैनिकों का वेतन समान होगा: इसके अलावा, अग्निवीरों और नियमित सैनिकों के वेतन को समान करने की बात चल रही है.
अग्निवीरों के लिए बेहतर सुविधाएँ: प्रशिक्षण या ड्यूटी के दौरान चोट लगने पर अग्निवीरों के लिए लाभ बढ़ाए जाएँगे और 'Killed in Action' (KIA) के मामले में उनका मुआवजा नियमित सैनिकों के बराबर होगा.
किसने दिए ये सुझाव?
अग्निपथ योजना में ये सुझाव अग्निवीरों, भर्ती एजेंसियों, प्रशिक्षण केंद्रों, अग्निवीरों की तैनाती वाली यूनिटों और सेना मुख्यालय के विभिन्न निकायों से मिली प्रतिक्रिया के आधार पर दिए गए हैं.
अब आगे क्या होगा ?
ये सुझाव अब रक्षा मंत्रालय को भेजे जाएंगे. इसके बाद सरकार से परामर्श किया जाएगा और फिर अंतिम निर्णय लिया जाएगा. मोदी सरकार 3.0 में अग्निपथ योजना का व्यापक समीक्षा होने की संभावना है. ये बदलाव अग्निपथ योजना को और अधिक मजबूत बनाएँगे और सेना में काम करने वाले जवानों की जरूरतों और आकांक्षाओं के अनुरूप इसे बनाएंगे.