NEET Results 2024: राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा के नतीजों के बाद गुस्से में क्यों हैं छात्र
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)

 राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा: भारत में चिकित्सा पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए आयोजित नीट यूजी 2024 के नतीजे आने के बाद छात्र गड़बड़ी का आरोप लगा रहे हैं. छात्र नीट की परीक्षा दोबारा कराने की मांग कर रहे हैं.देश के टॉप मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए आयोजित नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (नीट-यूजी) को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है. छात्र दोबारा परीक्षा की मांग कर रहे हैं और इस परीक्षा को आयोजित कराने वाली राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) सवालों के घेरे में है. चार जून को नीट परीक्षा के नतीजे आए और ऐसा पहली बार देखने को मिला कि इस परीक्षा में बैठे 67 छात्रों ने पूरे अंक हासिल कर पहली रैंक हासिल की. ऑल इंडिया स्तर पर एक रैंक हर बार एक या दो छात्रों को ही मिलती है.

इन विवादों के बीच, नीट-यूजी आयोजित करवाने वाली नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने 8 जून को छात्रों द्वारा उठाई गई चिंताओं के बारे में स्पष्टीकरण जारी किया. एजेंसी ने बताया कि एक आसान परीक्षा, रजिस्ट्रेशन में बढ़ोतरी, दो सही उत्तरों वाला एक प्रश्न और परीक्षा के समय में नुकसान की भरपाई के लिए ग्रेस मार्क्स कुछ ऐसे कारक हैं जिन्हें छात्रों को परीक्षा में उच्च अंक प्राप्त करने के पीछे के कारणों के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है.

इस साल नीट परीक्षा के लिए करीब 24 लाख छात्रों ने रजिस्ट्रेशन कराया था और परीक्षा पांच मई को हुई थी. नीट के नतीजों के मुताबिक इस बार 67 छात्रों ने सौ फीसदी अंक हासिल किए, यानी 720 अंक की परीक्षा में उन्हें पूरे 720 नंबर मिले. पिछले साल सिर्फ दो छात्रों ने पूरे नंबर हासिल किए थे.

एनटीए की दलीलें

प्रवेश परीक्षा में शामिल हुए छात्रों ने इस साल टॉपरों की संख्या के बारे में चिंता जताई थी, जिस पर एनटीए ने जवाब दिया कि 720/720 अंक पाने वाले 67 अभ्यर्थियों में से 44 को प्रश्नपत्र के भौतिकी खंड में एक प्रश्न में त्रुटि के कारण पूर्ण अंक (720) दिए गए. वहीं छह उम्मीदवारों को अतिरिक्त अंक दिए गए जिन्हें प्रश्न पत्र समय पर नहीं मिला था.

कुछ परीक्षा केंद्रों के छात्रों को ग्रेस मा‌र्क दिए गए हैं, उनमें छत्तीसगढ़ के दो केंद्र बालोद व दंतेवाड़ा, हरियाणा का बहादुरगढ़, चंडीगढ़, मेघालय और गुजरात के सूरत में एक-एक केंद्र शामिल है. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक इन केंद्रों पर गलत प्रश्न पत्र बांटे गए, छात्रों की शिकायत के बाद दूसरा प्रश्न पत्र दिया गया. इसके चलते उन्हें परीक्षा में कम समय मिल पाया. एनटीए का कहना है कि छात्रों की शिकायत के बाद इसकी जांच की गई और शिकायत सही होने पर नुकसान की भरपाई के लिए एक कमेटी बनी. कमेटी ने ग्रेस मार्क दिए जाने का सुझाव दिया.

एनटीए का कहना है कि एक तय मानक के तहत करीब 1563 छात्रों को ग्रेस मा‌र्क दिए गए. एनटीए के महानिदेशक सुबोध कुमार सिंह ने नीट परीक्षा विवाद पर 8 जून को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा था कि 1,500 से ज्यादा उम्मीदवारों को दिए गए ग्रेस मार्क का पुनर्मूल्यांकन करने के लिए चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है.

उनके मुताबिक कमेटी एक हफ्ते के अंदर अपनी रिपोर्ट पेश करेगी. कुमार ने दावा किया कि एनटीए ने सभी चीजों का पारदर्शी तरीके से विश्लेषण किया और नतीजे घोषित किए. उनके मुताबिक 4,750 केंद्रों में से समस्या सिर्फ छह केंद्रों तक सीमित थी और 24 लाख उम्मीदवारों में से सिर्फ 1,600 उम्मीदवार प्रभावित हुए.

एनटीए का कहना है कि पूरे देश में इस परीक्षा की शुचिता से समझौता नहीं किया गया. उन्होंने कहा, "हमने अपने सिस्टम का विश्लेषण किया और पाया कि कोई पेपर लीक नहीं हुआ." वहीं कई छात्र नीट 2024 के नतीजों को रद्द करने और परीक्षा के संचालन में विसंगतियों के आरोपों की गहन जांच की मांग कर रहे हैं.

परीक्षा केंद्र पहुंचने से पहले ही क्यों लीक हो जाते हैं पेपर

पेपर लीक का भी सवाल

एनटीए का दावा है कि नीट का पेपर लीक नहीं हुआ है, लेकिन 718 और 719 अंक प्राप्त करने का मुद्दा भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) जूनियर डॉक्टर्स नेटवर्क ने उठाया, जिसने मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो से (सीबीआई) करवाने की मांग की और दोबारा परीक्षा कराने को कहा.

आईएमए जूनियर डॉक्टर्स नेटवर्क ने एनटीए को लिखे पत्र में कहा, "कुछ छात्रों ने 718 और 719 अंक हासिल किए हैं, जो नंबरो की नजर से संदिग्ध है." संगठन ने यह भी आरोप लगाया कि नीट 2024 का पेपर कई जगहों पर लीक हुआ था, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई.

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक बिहार पुलिस ने नीट के पेपर लीक मामले में 13 लोगों को गिरफ्तार किया था. बिहार पुलिस कथित पेपर लीक के मामले की जांच कर रही है. हाल ही में खत्म हुए लोकसभा चुनाव में विपक्ष ने पेपर लीक का मुद्दा जोरशोर से उठाया था और कहा था कि अगर उनकी सरकार बनती है तो इसपर वह कानून बनाएगा.

कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी ने एक्स पर नीट परीक्षा में हुई कथित धांधली को लेकर केंद्र सरकार को घेरा है. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, "नरेंद्र मोदी ने अभी शपथ भी नहीं ली है और नीट परीक्षा में हुई धांधली ने 24 लाख से अधिक स्टूडेंट्स और उनके परिवारों को तोड़ दिया है. एक ही एग्जाम सेंटर से 6 छात्र अधिकतम मार्क्स के साथ टॉप कर जाते हैं, कितनों को ऐसे मार्क्स मिलते हैं जो टेक्निकली संभव ही नहीं है, लेकिन सरकार लगातार पेपर लीक की संभावना को नकार रही है."

राहुल गांधी ने कहा, "आज मैं देश के सभी छात्रों को विश्वास दिलाता हूं कि मैं संसद में आपकी आवाज बन कर आपके भविष्य से जुड़े मुद्दों को मजबूती से उठाऊंगा."

सड़क पर उतरे छात्र

दिल्ली में सोमवार को शिक्षा मंत्रालय के बाहर छात्र संगठनों ने नीट परीक्षा में कथित अनियमितताओं की जांच की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया. छात्र संगठनों की मांग है कि नीट की दोबारा परीक्षा आयोजित की जानी चाहिए.

इस बीच भारत के सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है. याचिका में 1563 छात्रों को ग्रेस मार्क देने के एनटीए की कार्रवाई को चुनौती दी गई है. याचिकाकर्ता के वकील ने सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में तत्काल सुनवाई की मांग की है. इससे पहले कलकत्ता हाई कोर्ट ने भी परीक्षा के संचालन में अनियमितताओं का आरोप लगाने वाली याचिका पर एनटीए से जवाब मांगा था.

नीट को हर साल होने वाली सबसे बड़ी प्रवेश परीक्षाओं में से एक माना जाता है. इस साल लगभग 24 लाख छात्र-छात्रा परीक्षा के लिए बैठे थे. ऐसे में इस तरह की परीक्षा को बिना किसी त्रुटि के कराना सरकार और एनटीए के सामने एक बड़ी चुनौती.

इस परीक्षा के लिए छात्र अपने घर छोड़कर कोचिंग पाने के लिए दूसरे शहरों में जाते हैं, कुछ शहर तो कोचिंग सेंटर के हब के रूप में उभरे हैं, उनमें सबसे प्रमुख राजस्थान का कोटा शहर है. जहां इंजीनियर या डॉक्टर बनने का सपना लिए देशभर से बच्चे नीट (नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट) या जेईई (जॉइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन) परीक्षा की तैयारी के लिए शहर के कोचिंग संस्थानों में दाखिला लेते हैं. लेकिन इस साल नीट के जो नतीजे आए हैं जाहिर है उससे छात्र ही नहीं उनके परिवार वाले भी हैरान होंगे.