UPI यूजर्स के लिए जरुरी खबर, जल्द चेहरे और फिंगरप्रिंट से होगा ऑथेंटिकेशन: रिपोर्ट
भारत में यूपीआई में अब फेस रेकग्निशन और फिंगरप्रिंट से भी लेन-देन की पुष्टि संभव होगी, जिससे डिजिटल पेमेंट्स और तेज़, सुरक्षित और आसान बनेंगे.
भारत में डिजिटल पेमेंट्स को और तेज़, आसान और सुरक्षित बनाने के लिए नया कदम उठाया जा रहा है. रिपोर्ट के अनुसार, जल्द ही यूपीआई (UPI) में उपयोगकर्ता अपने लेन-देन की पुष्टि फेस रेकग्निशन या फिंगरप्रिंट के जरिए कर सकेंगे. यह नई सुविधा अगले कुछ दिनों में लागू की जा सकती है.
आधार से बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन
नई सुविधा में यूजर्स का बायोमेट्रिक डेटा, जो सरकार के आधार सिस्टम में सुरक्षित है, का इस्तेमाल किया जा सकता है. वर्तमान में यूपीआई लेन-देन के लिए उपयोगकर्ताओं को न्यूमेरिक पिन डालना पड़ता है. इस नई व्यवस्था से पिन पर निर्भरता कम होगी और लेन-देन तेज़, सुरक्षित और सुविधाजनक बन जाएगा.
यह कदम भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की हाल की गाइडलाइन्स के अनुरूप है, जिसमें डिजिटल पेमेंट्स के लिए वैकल्पिक ऑथेंटिकेशन तरीके को मान्यता दी गई है.
एनपीसीआई का रोल और फीचर का प्रदर्शन
सूत्रों के मुतबिक, नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) जो यूपीआई का संचालन करता है, इस नए बायोमेट्रिक फीचर को मुंबई में चल रहे ग्लोबल फिनटेक फेस्टिवल (Global Fintech Festival) में पेश कर सकता है.
यूपीआई अब भारत के डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम की रीढ़ बन चुका है, और हर महीने अरबों लेन-देन को संभालता है. इस नए बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन फीचर से न केवल सुरक्षा बढ़ेगी, बल्कि उपयोगकर्ताओं का अनुभव भी बेहतर होगा और पिन पर निर्भरता कम होगी. हालांकि, एनपीसीआई ने इस मामले में अभी तक कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं दी है.