India To Become Pharmaceutical Manufacturing Hub: भारत आने वाले दिनों में बनेगा फार्मास्युटिकल मैन्युफैक्चरिंग हब
India To Become Pharmaceutical Manufacturing Hub: केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) के सहयोग से 26 से 27 मई, 2022 तक नई दिल्ली में फार्मास्यूटिकल्स विभाग द्वारा आयोजित भारतीय फार्मा एवं भारतीय चिकित्सा उपकरण' पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के 8वें संस्करण का उद्घाटन करेंगे. रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री श्री भगवंत खुबा भी इस कार्यक्रम में भाग लेंगे.
सम्मेलन के हिस्से के रूप में, डॉ. मांडविया राष्ट्रीय चिकित्सा उपकरण नीति, 2023 के साथ-साथ चिकित्सा उपकरणों के लिए निर्यात संवर्धन परिषद का शुभारंभ करेंगे. डॉ. मांडविया ने विश्वास व्यक्त किया कि भारतीय फार्मास्युटिकल क्षेत्र, जिसे सही अर्थों में विश्व की फार्मेसी कहा जाता है, आने वाले वर्षों में घरेलू और वैश्विक आवश्यकताओं, दोनों के लिए अधिक योगदान देगा; इसके अतिरिक्त, 2030 तक 50 बिलियन डॉलर तक बढ़ने की क्षमता के साथ सनराइज सेक्टर समझे जाने वाले चिकित्सा उपकरण क्षेत्र के महत्व को महसूस करते हुए, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल ही में उद्योगों और अन्य हितधारकों के साथ व्यापक परामर्श के बाद तैयार की गई राष्ट्रीय चिकित्सा उपकरण नीति, 2023 को मंजूरी दी. यह भी पढ़े: Government On Generic Medicine: मोदी सरकार ने दी आम आदमी को राहत, सरकारी चिकित्सकों से कहा- जेनेरिक दवाइयां लिखें, अन्यथा होगी कार्रवाई
केंद्रीय मंत्री चिकित्सा उपकरण क्लस्टरों में सामान्य अवसंरचना सुविधाओं को सुदृढ़ बनाने या स्थापित करने और चिकित्सा उपकरणों के लिए परीक्षण सुविधाओं को सुदृढ़ बनाने या स्थापित करने के उद्देश्य से 'सामान्य सुविधाओं के लिए चिकित्सा उपकरण क्लस्टर के लिए सहायता (एएमडी-सीएफ)' नामक एक नई स्कीम भी शुरू करेंगे.
वार्षिक प्रमुख सम्मेलन दो दिनों तक आयोजित किया जाएगा - 26 मई 2023 "सस्टेनेबल मेडटेक 5.0: स्केलिंग एंड इनोवेटिंग इंडियन मेडटेक" थीम पर भारतीय चिकित्सा उपकरण क्षेत्र को समर्पित होगा और 27 मई 2023 “भारतीय फार्मा उद्योग उद्योग: नवोन्मेषण के माध्यम से मूल्य प्रदान करना" थीम पर फार्मास्युटिकल सेक्टर के लिए समर्पित होगा. इस कार्यक्रम के दौरान निम्नलिखित मुख्य कार्यकलाप आयोजित होंगे:
उद्घाटन सत्र (26 मई, 2023); उद्घाटन सत्र के दौरान राष्ट्रीय चिकित्सा उपकरण नीति, 2023 और सामान्य सुविधाओं के लिए चिकित्सा उपकरण क्लस्टरों (एएमडी-सीएफ) की सहायता के लिए स्कीम और चिकित्सा उपकरणों के लिए निर्यात संवर्धन परिषद की औपचारिक शुरुआत की योजना बनाई गई है. चिकित्सा उपकरण क्षेत्र पर सीईओ का गोलमेज सम्मेलन और विषयगत सम्मेलन सत्र (26 मई, 2023)
फार्मास्यूटिकल्स क्षेत्र पर सीईओ का गोलमेज सम्मेलन और विषयगत सम्मेलन सत्र (27 मई, 2023)
फार्मास्युटिकल और चिकित्सा उपकरण उद्योगों के 100 से अधिक सीईओ दो दिनों के दौरान कई विषयगत सत्रों में भाग लेंगे, जिससे इस आयोजन में विश्व भर से सहभागिता होगा। दो दिवसीय सम्मेलन में फार्मा और चिकित्सा उपकरण क्षेत्रों के 700 से अधिक प्रतिभागियों के भाग लेने की उम्मीद है.
मुख्य संबोधनों और पैनल चर्चाओं में मेडटेक के लिए व्यावहारिक व्यावसायीकरण रणनीतियों सहित कई विषयों पर अंतर्दृष्टि प्रदान की जाएगी जिनमें: पायलट स्केल टू प्रोडक्शन स्केल, नवोन्मेषण एवं अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा: मेडटेक में प्रभावी गुणवत्ता प्रबंधन, मेडटेक में क्षमता और कौशल निर्माण: उद्योग-शिक्षा समेकन, भारत के विकास के स्तम्भ के रूप में फार्मास्युटिकल उद्योग और प्रमुख फाउण्डेशन विकास चालक के रूप में गुणवत्ता, फार्मास्युटिकल उद्योग मूल्य श्रृंखला को आकार देने वाला डिजिटल रुपांतरण और भारतीय फार्मा के भविष्य में तेज छलांग: वैश्विक बायोसिमिलर अवसरों का लाभ उठाना शामिल है। हेल्थकेयर, फार्मा और चिकित्सा उपकरण उद्योग के प्रयासों और निष्पादन को स्वीकार करते हुए डॉ. मांडविया ने कहा कि इस तरह के सम्मेलन और विचार-विमर्श उद्योग की पूरी क्षमता अर्जित करने के लिए जैविक और निरंतर विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं.
कार्यक्रम के दौरान कई गणमान्य व्यक्ति संबोधित करेंगे जिनमें नीति आयोग के सदस्य (उद्योग), फार्मास्यूटिकल्स, स्वास्थ्य, डीपीआईआईटी और उच्च शिक्षा विभागों के सचिव, एनपीपीए के अध्यक्ष, इलेक्ट्रानिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत मानक ब्यूरो, एईआरबी, राष्ट्रीय बायो-फार्मा आयोग, भारत के औषधि महानियंत्रक, आईआईटी दिल्ली, आईआईटी कानपुर, एनआईपीईआर मोहाली, बीआईआरएसी, स्वास्थ्य क्षेत्र कौशल परिषद आदि के उच्च अधिकारी शामिल हैं.
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