भारत ने जम्मू-कश्मीर में परिसीमन पर टिप्पणी को लेकर ओआईसी की खिंचाई की
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची (Photo Credits ANI

नई दिल्ली, 17 मई : भारत ने जम्मू-कश्मीर में परिसीमन अभ्यास पर टिप्पणी को लेकर इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) की आलोचना की है और उसे एक देश (पाकिस्तान) की तरफ से भारत के खिलाफ अपने 'सांप्रदायिक' एजेंडे को अंजाम देने से परहेज करने की सख्त चेतावनी दी है. इस मुद्दे पर मीडिया के सवालों के जवाब में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची (Arindam Bagchi) ने कहा, "हम इस बात से निराश हैं कि ओआईसी सचिवालय ने एक बार फिर भारत के आंतरिक मामलों पर अनुचित टिप्पणी की है."

बागची ने कहा कि भारत ने कई मौकों पर केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर पर ओआईसी सचिवालय द्वारा किए गए दावों को स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया था ओआईसी ने जम्मू-कश्मीर में हुए घटनाक्रम पर 'गहरी चिंता' व्यक्त करते हुए कहा कि हाल ही में आयोजित परिसीमन अभ्यास संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के प्रस्ताव और अंतर्राष्ट्रीय कानून का सीधा उल्लंघन है.

ओआईसी द्वारा ट्विटर पर साझा किए गए एक बयान में कहा गया है, "जम्मू और कश्मीर पर लंबे समय से चले आ रहे विवाद और सैद्धांतिक स्थिति और इसको लेकर इस्लामिक शिखर सम्मेलन और ओआईसी विदेश मंत्रियों की परिषद के प्रासंगिक निर्णयों का जिक्र करते हुए सामान्य सचिवालय जम्मू और कश्मीर के लोगों के साथ अपनी एकजुटता दोहराता है." यह भी पढ़ें : CBI Raid: कांग्रेस नेता कार्ति चिदंबरम के घर और कार्यालय पर सीबीआई का छापा, तलाशी अभियान जारी

अगस्त 2019 में जम्मू और कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर के विधानसभा क्षेत्रों को फिर से बनाने के लिए परिसीमन आयोग की नियुक्ति की गई थी. आयोग ने 5 मई को केंद्र शासित प्रदेश में 90 विधानसभा क्षेत्रों की सिफारिश करते हुए अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की है 93 में से 43 सीटें जम्मू में और 47 कश्मीर क्षेत्र में हैं. पहले जम्मू में 37 और कश्मीर घाटी में 46 सीटें थीं.