ट्रंप के टैरिफ पर भारत की तैयारी; अमेरिका से बातचीत से मिल सकती है राहत
PM Modi, Donald trump | PTI

नई दिल्ली: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2 अप्रैल की देर रात को वैश्विक आयातों पर भारी-भरकम टैरिफ लगाने का ऐलान कर दिया. इससे दुनियाभर में महंगाई बढ़ने का खतरा और बढ़ गया है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर लगाए गए रेसिप्रोकल टैरिफ्स (Reciprocal Tariffs) को लेकर भारत सरकार ने अपनी पहली आधिकारिक प्रतिक्रिया दी है. वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि वह इन शुल्कों के प्रभावों का गहन विश्लेषण कर रहा है और इससे संबंधित सभी संभावनाओं पर विचार कर रहा है.

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वाणिज्य मंत्रालय ने गुरुवार को एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि वह भारतीय उद्योग प्रतिनिधियों और निर्यातकों के साथ मिलकर इन टैरिफ्स के प्रभावों का मूल्यांकन कर रहा है. इसके अलावा, भारत सरकार विकसित भारत (Viksit Bharat) के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए इस व्यापार नीति में बदलाव से उत्पन्न संभावित अवसरों का भी अध्ययन कर रही है.

भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता जारी

वित्त मंत्रालय के अनुसार, भारत और अमेरिका के व्यापारिक दलों के बीच वार्ता चल रही है ताकि एक संतुलित और बहुपक्षीय द्विपक्षीय व्यापार समझौता (Bilateral Trade Agreement) पर सहमति बनाई जा सके. इस बातचीत में सप्लाई चेन इंटीग्रेशन, निवेश वृद्धि और तकनीकी हस्तांतरण जैसे विषयों को शामिल किया गया है.

भारत सरकार इस टैरिफ को कोई बड़ा झटका नहीं मानती. वाणिज्य मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, भारत को ट्रंप के आदेश की धारा 4 के तहत छूट मिलने की उम्मीद है.

ट्रंप के टैरिफ का असर भारत पर

अमेरिका ने भारत पर 27 फीसदी का रेसिप्रोकल टैरिफ लगाया है. इसके अलावा, 5 अप्रैल 2025 से सभी आयातों पर 10 फीसदी की बेसलाइन ड्यूटी लागू होगी और 10 अप्रैल 2025 से अतिरिक्त 17 फीसदी शुल्क जोड़ा जाएगा. यह टैरिफ नीति सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि अन्य कई देशों को भी प्रभावित कर रही है.

उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में क्या हुआ?

प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने गुरुवार को एक महत्वपूर्ण उच्च स्तरीय बैठक बुलाई, जिसमें ट्रंप के इस टैरिफ आदेश के प्रभावों का आकलन किया गया. बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव ने की और इसमें वाणिज्य मंत्रालय, नीति आयोग (NITI Aayog), DPIIT सहित अन्य प्रमुख विभागों के अधिकारी भी शामिल हुए.

भारत ने ट्रंप के इस निर्णय पर संयमित लेकिन सतर्क प्रतिक्रिया दी है. सरकार इसके प्रभावों को भली-भांति समझने और इससे निपटने के लिए ठोस रणनीति बना रही है.