India-China Border Tension: भारत-चीन सीमा विवाद (India-China Border Tension) को लेकर लद्दाख (Ladakh) के गलवान घाटी (Galwan Valley) में हुई हिंसक झड़प में भारतीय सेना (Indian Army) के 20 जवानों की शहादत को लेकर पूरे देश में आक्रोश है. देश में जगह-जगह चीनी राष्ट्रपति (Chinese President) शी जिनपिंग (Xi Jinping) के पुतले और चीनी सामानों को जलाकर लोग चीन (China) के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं. अब चीन और चीनी सामान के बहिष्कार के साथ-साथ चीनी नागरिकों के बहिष्कार का भी फैसला किया गया है. दरअसल, दिल्ली होटल एंड रेस्टोरेंट ऑनर्स एसोसिएशन (Delhi Hotels And Restaurant Owners Association) ने चीनी यात्रियों के बहिष्कार का ऐलान किया है. इसके अध्यक्ष संदीप खंडेलवाल ने कहा कि दिल्ली के होटलों और गेस्ट हाउस में चीनी नागरिकों (Chinese Citizens) को ठहरने के लिए रूम नहीं दिया जाएगा. संगठन ने घोषणा की है कि चीन की हरकतों को देखते हुए यह फैसला लिया गया है.
संदीप खंडेलवाल का कहना है कि कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के चीनी वस्तुओं के बहिष्कार की मुहिम में दिल्ली होटल एंड रेस्टोरेंट ऑनर्स एसोसिएशन ने भी समर्थन देने का फैसला किया है, जिसके तहत जब भी दिल्ली में होटल और गेस्ट हाउस खुलेंगे, चीनी नागरिकों को ठहरने के लिए कमरा नहीं दिया जाएगा. बता दें कि राजधानी में करीब तीन हजार बजट होटल और गेस्ट हाउस हैं, जिनमें लगभग 75 हजार कमरे हैं. हालांकि दिल्ली में अभी होटल और गेस्ट हाउस पूरी तरह से नहीं खुले हैं, जबकि दिल्ली सरकार ने कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर होटलों के कमरों को कोविड-19 मरीजों के लिए रिजर्व रखा है. यह भी पढ़ें: Protest Against China: कनाडा के वैंकूवर में भारतीयों ने चीनी दूतावास के बाहर किया विरोध प्रदर्शन, चीन को बताया विश्व का सबसे बड़ा भूमाफिया
उधर, कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने चीनी नागरिकों के बहिष्कार किए जाने के इस फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि इससे यह साफ होता है कि कैट द्वारा चीनी वस्तुओं के बहिष्कार के लिए शुरु किए गए अभियान में देश के विभिन्न वर्गों के लोग जुड़ रहे हैं. बताया जा रहा है कि चीन जिस तरह से भारत के साथ पेश आ रहा है, उससे तमाम देशवासियों में चीन के खिलाफ काफी आक्रोश है.
गौरतलब है कि लद्दाख में भारत-चीन सीमा पर गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सेना के बीच हुई हिंसक झड़प में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे, जिसके बाद से चीन के खिलाफ लोगों का गुस्सा लगातार फूट रहा है और जगह-जगह चीन के साथ-साथ चीनी वस्तुओं के बहिष्कार के लिए अभियान चलाया जा रहा है.