नई दिल्ली, 8 फरवरी : गोवा मुक्ति के 60 साल का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत 1947 में आजाद हो गया था लेकिन देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के रवैये की वजह से गोवा को 1947 के बाद भी 15 सालों तक गुलाम रहना पड़ा और जुल्म सहना पड़ा. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि गोवा की जनता इस जुल्म को कभी भूल नहीं सकती है. राज्य सभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरदार पटेल ने जैसे हैदराबाद और जूनागढ़ को भारत में शामिल कराया था, अगर उसी रणनीति को नेहरू ने गोवा के लिए अपनाया होता तो गोवा की जनता को भारत के आजाद होने के 15 सालों बाद तक भी गुलामी में नहीं रहना पड़ता.
कांग्रेस सांसदों के सदन से वाकआउट के बावजूद अपना हमला जारी रखते हुए पीएम मोदी ने कहा कि सिर्फ अपनी अंतर्राष्ट्रीय छवि को बचाने और बनाए रखने के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने गोवा में सेना भेजने से इनकार कर दिया और गोवा के सत्याग्रहियों पर जुल्म होने दिया, उन पर गोलियां चलने दी. गोवा के वीर पुत्रों को इसकी वजह से बलिदान देना पड़ा. उन्होंने कहा कि यह गोवा की जनता पर कांग्रेस द्वारा किया जुल्म था जिसे गोवा की जनता कभी भूल नहीं सकती है.
पीएम मोदी ने 15 अगस्त, 1955 को लाल किले से दिए गए नेहरू के भाषण का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय तत्कालीन प्रधानमंत्री नेहरू ने लाल किले से कहा था, कोई धोखे में ना रहे कि हम वहां फौजी कार्रवाई करेंगे. कोई फौज गोवा के आसपास नहीं है. अंदर के लोग चाहते हैं कि कुछ शोर मचा कर ऐसे हालात पैदा करें कि हम मजबूर हो जाएं फौज भेजने के लिए. हम नहीं भेजेंगे फौज. हम उसको शांति से तय करेंगे समझ लें सब लोग इस बात को. जो लोग वहां जा रहे हैं, उनको वहां जाना मुबारक हो. लेकिन ये भी याद रखें कि अपने को सत्याग्रही कहते हैं तो सत्याग्रह के उसूल, सिद्धांत और रास्ते भी याद रखें. सत्याग्रही के पीछे फौजें नहीं चलती हैं और ना ही फौजों की पुकार होती है. यह भी पढ़ें : सुरक्षा, सार्वजनिक व्यवस्था के खिलाफ काम करने वाले पत्रकारों की मान्यता समाप्त होगी: नयी नीति
मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने उस समय गोवा की जनता को असहाय छोड़ दिया था और गोवा की जनता कांग्रेस के इस रवैये को भूल नहीं सकती है. आपको बता दें कि , गोवा में विधानसभा की सभी 40 सीटों पर 14 फरवरी को मतदान होना है. राज्य में विधानसभा चुनाव प्रचार अपने चरम पर है. भाजपा जहां राज्य में लगातार तीसरी बार सरकार बनाने का प्रयास कर रही है. वहीं कांग्रेस 2017 में बाकी रह गई कसर को दूर करते हुए इस बार भाजपा को राज्य की सत्ता से बाहर करने की लड़ाई लड़ रही है. इन दोनों दलों की लड़ाई के बीच आम आदमी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस समेत कई अन्य दल भी राज्य के चुनावी मैदान में अपनी ताल ठोंक रहे हैं.