नई दिल्ली, 7 अगस्त : आयकर विभाग ने फिल्म उद्योग से जुड़े कुछ निर्माताओं, वितरकों और वित्त प्रदाताओं (फाइनेंसर) के खिलाफ छापेमारी और जब्ती अभियान चलाया. आयकर विभाग के अधिकारियों ने शनिवार को दावा किया कि उसने तमिल फिल्म निर्माता जी. एन. अंबू चेझियां के परिसर से 200 करोड़ रुपये, जिसमें 26 करोड़ रुपये की अघोषित नकदी भी शामिल है, जब्त की है. हालांकि, अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि नहीं की है कि चेझियां के परिसर से नकदी बरामद हुई या नहीं या अघोषित आय भी उन्हीं की है या नहीं.
आयकर विभाग के एक अधिकारी ने कहा, "फिल्म फाइनेंसरों पर छापामारी में बेहिसाब नकद ऋणों से संबंधित प्रॉमिसरी नोट्स जैसे दस्तावेज प्राप्त किए गए हैं, जो विभिन्न फिल्म निर्माण कंपनियों और अन्य के लिए पहले से चुकता किए गए थे. अब तक छापामारी अभियान में 200 करोड़ रुपये से अधिक की अघोषित आय का पता चला है. 26 करोड़ रुपये की अघोषित नकदी और 3 करोड़ रुपये से अधिक के बेहिसाब सोने के आभूषण जब्त किए गए हैं." यह भी पढ़ें : DU: परीक्षा स्थिगित करने की मांग को लेकर विधि संकाय के कुछ छात्रों ने अनशन शुरू किया
चेन्नई, मदुरै, कोयंबटूर और वेल्लोर स्थित लगभग 40 परिसरों में छापामारी की कार्रवाई की गई. वहीं दूसरी ओर आयकर विभाग ने एक आधिकारिक बयान में बताया है कि फिल्म उद्योग से जुड़े कुछ निर्माताओं, वितरकों और वित्त प्रदाताओं के खिलाफ यह छापामारी और जब्ती अभियान दो अगस्त को चलाया गया था. इस छापामारी अभियान के दौरान बेहिसाब नकदी लेन-देन और निवेश से संबंधित कई दोषी ठहराने योग्य दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य आदि जब्त किए गए हैं. इसके अलावा गोपनीय और छिपे हुए परिसरों का भी पता चला है.
बयान में कहा गया है, "फिल्म निर्माण कंपनियों के मामलों में प्राप्त साक्ष्य से कर चोरी का पता चलता है, क्योंकि फिल्मों की रिलीज से प्राप्त वास्तविक धनराशि नियमित खाता-बही में दिखाई गई धनराशि से कहीं अधिक है. कंपनियों ने इस तरह प्राप्त बेहिसाब आय को अघोषित निवेशों के साथ-साथ विभिन्न अघोषित भुगतानों के लिए उपयोग किया है." इसी तरह फिल्म वितरकों के मामलों में जब्त किए गए साक्ष्य थिएटर से बेहिसाब नकदी प्राप्त करने का संकेत देते हैं. साक्ष्यों के अनुसार वितरकों ने सिंडिकेट बनाए हैं और थिएटर से प्राप्त धनराशि को व्यवस्थित रूप से छिपाया है, जिसके परिणामस्वरूप वास्तविक आय का कम दिखाया गया है.