भारत पुलवामा हमले की साजिश रचने वाले पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद और उसके मुखिया अजहर मसूद (Maulana Masood Azhar) को किसी भी हाल में छोड़ने वाली नहीं है. यही कारण है कि भारत ने एयर अटैक से जहां उसके ठिकानों को तबाह कर दिया. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, वहीं अब अजहर मसूद के खिलाफ भारत को कूटनीतिक मोर्चे पर बड़ी सफलता मिलती दिख रही है. इसी कड़ी में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UN) में अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने बुधवार को जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को ब्लैक लिस्ट करने प्रस्ताव दिया है.
बता दें कि संयुक्त राष्ट्र में अजहर मसूद वैश्विक आतंकवादी घोषित करने की 10 साल में चौथा प्रयास किया गया है. वहीं चीन की तरफ से नए प्रस्ताव पर फिलहाल कोई बयान नहीं है. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बुधवार को रूस-भारत-चीन (आरआईसी) के विदेश मंत्रियों की 16वीं बैठक में अपने चीनी समकक्ष वांग यी के समक्ष 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले का मुद्दा उठाया. सुषमा ने आरआईसी से इतर द्विपक्षीय बैठक के दौरान अपनी प्रारंभिक टिप्पणी में कहा, "मैं ऐसे समय में चीन का दौरा कर रही हूं, जब भारत में शोक और गुस्सा है. यह जम्मू-कश्मीर में हमारे सुरक्षा बलों के खिलाफ सबसे क्रूर आतंकवादी हमला था.
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Reuters: US, UK & France have asked the 15-member United Nations Security Council sanctions committee to subject Maulana Masood Azhar, the head of Pakistan-based militant group Jaish-e-Mohammad, to an arms embargo, global travel ban and asset freeze. https://t.co/lvQYJMI1BW
— ANI (@ANI) February 28, 2019
जैश का गढ़ था बालाकोट
गौरतलब हो कि पुलवामा हमले के बाद भारत ने जब कार्रवाई का फैसला किया था तब जैश-ए-मोहम्मद का गढ़ होने के कारण पाकिस्तान में खैबर पख्तूनख्वा स्थित बालाकोट भारतीय खुफिया एजेंसियों के रडार पर था. खुफिया एजेंसियों को पूरा विश्वास था कि पुलवामा हमले की योजना भी बालाकोट में बनाई गई थी. इसके अलावा मसूद अजहर के बेटे अब्दुल्लाह और पुलवामा हमले के मुख्य साजिशकर्ता गाजी ने भी यहीं से प्रशिक्षण लिया था.
जेईएम ने जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के काफिले पर हुए आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी ली थी. इस आत्मघाती हमले में 40 जवान शहीद हुए थे.
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