कोरोना संकट के बीच राहतभरी खबर, जानलेवा वायरस के हवा से फैलने के सबूत नहीं

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने रविवार को कहा कि अब तक कोरोना वायरस के हवा से फैलने का कोई प्रमाण नहीं मिला है. आईसीएमआर का यह बयान कोविड-19 (COVID-19) के बढ़ते संक्रमण के बीच बड़ी राहत लेकर आई है.

कोरोना वायरस (Photo Credits: Pixabay)

नई दिल्ली: भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने रविवार को कहा कि अब तक कोरोना वायरस (Coronavirus) के हवा से फैलने का कोई प्रमाण नहीं मिला है. आईसीएमआर (ICMR) का यह बयान कोविड-19 (COVID-19) के बढ़ते संक्रमण के बीच बड़ी राहत लेकर आई है. देश में कोरोना वायरस के संक्रमण की चपेट में रविवार तक 3,374 लोगों के आने के साथ ही इसके संक्रमण का दायरा देश के 272 जिलों तक पहुंच गया है. जबकि मरने वालों की संख्या बढ़कर 79 हो गई है.

आईसीएमआर (Indian Council of Medical Research) ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी के हवा से फैलने का कोई प्रमाण अभी तक नहीं मिला है. हालांकि कोविड-19 संक्रमण की जांच के लिए टेस्ट किट की सीमित संख्या एक चुनौती बनी हुई है. देश में अभी तक मुख्य रूप से विदेश यात्राओं से लौटे और उनके संपर्क में आए व्यक्तियों की ही जांच की जाती रही है. अब आबादी के लिहाज से परीक्षण को तेज करने के मकसद से उपाय किए जा रहे है. कोरोना वायरस की चपेट में देश के 274 जिले, एक दिन में मिले 472 नए मरीज- कुल 79 संक्रमितों की मौत

अमूमन कोरोना वायरस एक संक्रमित व्यक्ति से सीधे तौर पर या किसी माध्यम से संपर्क में आने से फैलता है. किसी संक्रमित व्यक्ति के खांसने/छींकने से नाक या मुँह से निकलने वाली छोटी बूंदों के संपर्क में आने से कोविड-19 का प्रसार होता है. इसके अलावा यदि ये बूंदे किसी वस्तु या सतह पर पड़ती है तो भी कुछ घंटों तक सक्रीय रहती है. इस दौरान यदि कोई व्यक्ति इनके संपर्क में आता है और वह हाथ साफ़ किए बगैर अपने मुंह, नाक या आंखों को छूता है तो जानलेवा वायरस उसके शरीर में प्रवेश कर लेता है.

उल्लेखनीय है कि देश में कोरोनो वायरस का प्रकोप अभी लोकल ट्रांसमिशन स्टेज यानी दूसरे चरण में है. केंद्र और राज्य सरकार महामारी को तीसरे चरण यानी कम्युनिटी ट्रांसमिशन स्टेज में जाने से रोकने के लिए सभी प्रयास कर रही है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक अभी तक कोरोना के कुल 267 मरीज ठीक हो चुके हैं.

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