Ice Melting Due To Climate Change: खतरे की घंटी! ग्रीनलैंड और अंटार्कटिका में तेजी से पिघल रही है बर्फ की चादरें
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शोधकर्ताओं ने 50 अलग-अलग उपग्रह अनुमानों का उपयोग करते हुए पाया कि पिछले कुछ वर्षों में ग्रीनलैंड बर्फ बहुत तेजी से पिघल रही है. अध्ययन के अनुसार, 2017 से 2020 तक ग्रीनलैंड में बर्फ पिघलने की औसत शुरुआत की तुलना में 20 प्रतिशत अधिक थर और 1990 के दशक की शुरुआत की तुलना में इसके पिघलने की वार्षिक दर से सात गुना अधिक थी. यह भी पढ़ें: Heat Stroke: क्या फर्क है लू और हीट स्ट्रोक में? जानें लू के लक्षण और लू पीड़ित क्या करें क्या ना करें!

डेनिश मौसम विज्ञान संस्थान के एक जलवायु वैज्ञानिक अध्ययन के सह-लेखक रूथ मोत्रम ने बताया, “नए आंकड़े वास्तव में बहुत विनाशकारी हैं.” उन्होंने कहा, “ग्रीनलैंड में तेजी से बर्फ की चादरें कम हो रही हैं.” ब्रिटेन में लीड्स विश्वविद्यालय के एक हिमनदविज्ञानी अध्ययन के प्रमुख लेखक इनेस ओटोसाका ने बताया कि तेजी से बर्फ के पिघलने का कारण मानव द्वारा किया जा रहा जलवायु परिवर्तन है.

विश्व में ताजे जल की बर्फ के 99 प्रतिशत स्रोत इन दो बर्फ की चादरों में 1992 से 1996 के दौरान 116 अरब टन बर्फ पिघली है. इसमें से दो तिहाई बर्फ अंटार्कटिक में पिघली. अध्ययन के अनुसार 2017 से 2020 के बीच में नये आंकड़ों के अनुसार एक वर्ष के भीतर 410 अरब टन बर्फ पिघली. इसमें से दो तिहाई बर्फ ग्रीनलैंड में पिघली.

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