हैदराबाद: तेलंगाना (Telangana) की राजधानी हैदराबाद (Hyderabad) में एक महिला वेटरनरी (पशु) डॉक्टर (Woman Veterinary Doctor) के साथ गैंगरेप और हत्या (Gang rape And Murder) के मामले में पुलिस ने 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. महिला डॉक्टर से गैंगरेप और निर्मम हत्या के मामले में शुक्रवार देश शाम प्रेस कॉन्फ्रेंस कर साइबराबाद पुलिस (Cyberabad Police) ने बताया कि आरोपियों को अधिकतम सजा मिले और इस मामले की जल्दी सुनवाई हो सके, इसलिए इस केस को महबूबनगर फास्ट ट्रैक कोर्ट (Mahbubnagar Fast Track Court) में भेजने की सिफारिश की जाएगी. इस मामले में शादनगर पुलिस स्टेशन (Shadnagar Police Station) में चार लोगों को हिरासत में लिया है, जिनके नाम मोहम्मद आरीफ, जोलू शिवा, जोलू नवीन और चिंतकांत चेन्नेकशवुलु बताया जा रहा है.
इस घटना के बारे में खुलासा करते हुए पुलिस अधिकारी ने बताया कि महिला डॉक्टर के साथ गैंगरेप करने के बाद उन्हें कंबल में लपेटकर उनका गला घोंटा गया और फिर केरोसिन डालकर उन्हें जला दिया गया. पुलिस ने इस बात की भी पुष्टि की है कि आरोपियों ने शराब के नशे में धुत होकर इस घिनौने वारदात को अंजाम दिया है.
देखें ट्वीट-
Cyberabad Police on rape and murder of a woman veterinary doctor: Request will be made to handover the case to the fast track court, Mahbubnagar to expedite the prosecution for maximum punishment to the accused persons. #Telangana https://t.co/CBbVV02J0z
— ANI (@ANI) November 29, 2019
बता दें कि गुरुवार को हैदराबाद-बेंगलुरु हाइवे के शादनगर के पास 27 वर्षीय महिला डॉक्टर की अधजली लाश मिली थी. लाश को देखकर ही महिला के साथ हुई हैवानियत का अंदाजा लगाया जा सकता था. खबरों के अनुसार, महिला डॉक्टर जब रात में अपने घर लौट रही थी, तो रास्ते में उनकी स्कूटी पंक्चर हो गई और उन्होंने बुधवार को वारदात से पहले अपनी बहन को फोन करके बताया था कि उनकी स्कूटी पंक्चर हो गई है. बहन को फोन करने के कुछ देर बाद ही महिला डॉक्टर का फोन स्वीच ऑफ हो गया. यह भी पढ़ें: हैदराबाद में मिली वेटरनरी डॉक्टर की जली हुई लाश, बहन को फोन पर बताया था- गाड़ी खराब हो गई, डर लग रहा है
गौरतलब है कि जब परिजनों ने महिला डॉक्टर की तलाश की तो शादनगर टोल प्लाजा के पास वो उन्हें नहीं मिली और अगले दिन उनकी अधजली लाश बरामद हुई. पीड़िता के परिवार वालों ने आरोप लगाया था कि रात में साइबराबाद पुलिस उन्हें दौड़ाती रही और किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की. उनका कहना है कि अगर पुलिस ने तत्काल कार्रवाई की होती तो शायद पीड़िता को जिंदा बचाया जा सकता था.