Bal Gangadhar Tilak Punyatithi 2020: अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ 'स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर ही रहूंगा' का नारा बुलंद करने वाले भारत के वीर स्वतंत्रता सेनानी बाल गंगाधर लोकमान्य तिलक की आज 100वीं पुण्यतिथि (Bal Gangadhar Lokmanya Tilak 100th Death Anniversary) मनाई जा रही है. उनका निधन 1 अगस्त 1920 को मुबंई में हुआ था. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Union Home Minister) ने लोकमान्य तिलक (Lokmanya Tilak) की पुण्यतिथि पर आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में शिरकत की. इस अवसर पर भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (Indian Council for Cultural Relations) (आईसीसीआर) द्वारा आयोजित वेबिनार 'लोकमान्य तिलक: स्वराज से आत्मनिर्भर भारत' (Lokmanya Tilak: Swaraj to Atmanirbhar Bharat) का आयोजन किया गया, जिसमें केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शिरकत की और उनके हाथों इस कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया.
इस कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को संबोधित करते समय अमित शाह ने महान स्वतंत्रता सेनानी को याद किया. उन्होंने कहा कि स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार और मैं इसे लेकर रहूंगा का नारा बुलंद करने वाले लोकमान्य तिलक ने इसके लिए अपना पूरा जीवन लगा दिया था. यह वाक्य हमेशा लोकमान्य तिलक के साथ हमारे स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों के रूप में जुड़ा रहेगा. यह भी पढ़ें: Bal Gangadhar Tilak Death Anniversary 2020: लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक की 100वीं पुण्यतिथि, उनके ये 12 प्रेरणादायी विचार आपको जरुर पढ़ने चाहिए
देखें ट्वीट-
"Swaraj is my birthright & I shall have it", saying this in the 19th century & spending whole life to achieve it can not be done by many. This sentence will always be associated with Lokmanya Tilak as golden letters in the history of our freedom struggle: Home Minister Amit Shah https://t.co/nmPJEzeN6x pic.twitter.com/JcCfKr0TGq
— ANI (@ANI) August 1, 2020
दरअसल, आईसीसीआर ने लोकमान्य तिलक पर शोध कर रहे शोधार्थियों के एक प्रतिनिधिमंडल को म्यांमार के मांडले जाने की योजना बनाई थी, जहां तिलक को 6 साल तक कैद करके रखा गया था, लेकिन कोरोना वायरस महामारी के कारण इस कार्यक्रम को स्थगित कर दिया गया. तिलक की 100वीं पुण्यतिथि पर आयोजित इस कार्यक्रम में भारत के स्वतंत्रता संग्राम में लोकमान्य तिलक के महत्वपूर्ण योगदान, उनके स्वदेशी और आत्मनिर्भरता के विचार जैसे अहम विषयों पर चर्चा की गई.