मध्यप्रदेश: खंडवा में हिंदू-मुस्लिम मिलकर बनाएंगे गाय का अस्पताल, तैयार किया गया हॉस्पिटल का मॉडल
हिंदू-मुस्लिम गाय के लिए मध्यप्रदेश के खंडवा जिले के अस्पताल बनाने का फैसला लिया है. इस अस्पताल को बनाने में दोनों ही संप्रदायों के लोग कंधे-से-कंधा मिलाकर काम करेंगे. आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित यह अस्पताल कैसा होगा इसका मॉडल भी तैयार हो गया है.
खंडवा : सियासत भले ही हिंदू-मुस्लिम को लड़ाए, गाय को लेकर हिंसक बनाए, मगर मध्यप्रदेश के खंडवा जिले के हिंदू-मुस्लिमों ने मिलकर गाय का अस्पताल बनाने का फैसला लिया है. इस अस्पताल को बनाने में दोनों ही संप्रदायों के लोग कंधे-से-कंधा मिलाकर काम करेंगे. आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित यह अस्पताल कैसा होगा, इसका मॉडल भी तैयार हो गया है.
राजधानी भोपाल से लगभग 260 किलोमीटर दूर स्थित खंडवा में सांप्रदायिक सद्भाव की ऐसी हवा बह रही है, जिसकी खुशबू दूर-दूर तक जाना तय है. यहां अध्यात्म गोसेवा मिशन ट्रस्ट ने मुख्यालय से लगभग 20 किलोमीटर दूर सिरसोद गांव में गायों के लिए सर्व सुविधायुक्त अस्पताल बनाने का फैसला लिया है. यह अस्पताल 14 एकड़ क्षेत्र में होगा.
इस अस्पताल की कल्पना करने वाले कथावाचक पंकज शास्त्री का कहना है, "सनातन धर्म में सबसे बड़ी सेवा गौसेवा है, भगवान कृष्ण को हम पूजते हैं और भगवान कृष्ण गौ की सेवा करते हैं. इसके चलते मन में विचार आया अस्पताल बनाने का, जहां मध्यप्रदेश के विभिन्न स्थानों से आने वाली गायों का उपचार हो सके."
प्रस्तावित अस्पताल का मॉडल भी तैयार हो गया है. अस्पताल में गौ और गोपाल मंदिर, विशाल गौशाला व अत्याधुनिक उपकरण और गौ एम्बुलेंस भी उपलब्ध रहेंगी. इसके साथ ही इस परिसर में अस्पताल के चिकित्सकों, कर्मचारियों के निवास के अलावा गौचर, भूसा गोदाम आदि भी बनाया जाएगा. इस परिसर में गायों के शेड होंगे और बछड़ों के लिए अलग से निवास बनाया जाएगा. नंदी व घायल व बीमार गायों के लिए अलग से व्यवस्था की जाएगी.
इस अस्पताल के निर्माण में खंडवा के मुस्लिम समाज ने भी हर संभव मदद का वादा किया है. समाज के प्रतिनिधि रुआब पठान ने आईएएनएस से कहा, "गाय की सेवा नेक काम है, मोहम्मद साहब ने भी गाय के दूध का उपयोग करने और गाय का मांस न खाने का संदेश दिया था. हिंदू और मुस्लिम का रिश्ता तो दूध और पानी की तरह है, जिसे एक-दूसरे से अलग नहीं किया जा सकता. इस पाक काम में मुस्लिम समाज पूरी मदद करने को तैयार है."
उन्होंने आगे कहा कि इस अस्पताल के निर्माण में दोनों समाज के मिलकर काम करने से हिंदू-मुस्लिम एकता का संदेश पूरे देश और दुनिया में जाएगा. हमारी गंगा-जमुनी तहजीब विरासत है, जिसे कायम रखना हमारी जिम्मेदारी है.
मुस्लिम समाज के लोगों का कहना है कि ये सभी को जोड़ने वाला काम है. अगर इसी तरह पंडित और मौलवी जुड़ जाएं तो भारत फिर से सोने की चिड़िया बन जाएगा.
गौ अस्पताल के मॉडल के लोकार्पण के मौके पर मौजूद ऋषिकेश एम्स के डायरेक्टर पद्मश्री रविकांत ने कहा, "मैं कैंसर सर्जन हूं, विज्ञान के अनुसार अधिक बीमारियां प्रोटीन की कमी से होती हैं. माताएं यदि बच्चों को प्रतिदिन गाय का दूध पिलाए तो कई बीमारियों से बचा जा सकता है. गाय से मिलने वाले उत्पाद बहुउपयोगी है."
बताया गया है कि 4 नवंबर, गोपाष्टमी के मौके पर भूमि पूजन किया जाएगा. इस अस्पताल को एक साल के भीतर तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है.