Maharashtra Hindi Third Language: महाराष्ट्र के स्कूलों में हिंदी होगी तीसरी भाषा, अन्य भाषा के लिए चाहिए कम से कम 20 छात्र; शासन ने जारी किया आदेश
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Maharashtra Hindi Third Language: महाराष्ट्र सरकार ने हिन्दी भाषा को लेकर एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है, जिसके तहत राज्य बोर्ड की मराठी और अंग्रेजी माध्यम की कक्षा 1 से 5 तक की सभी शासकीय और अनुदानित स्कूलों में हिंदी को अनिवार्य तीसरी भाषा के रूप में पढ़ाया जाएगा. जिसका उद्देश्य छात्रों में बहुभाषिक क्षमता का विकास करना है. सरकार की तरफ से लिए गए इस फैसले के बाद शासन की तरफ से सबही स्कूलों को अधिसूचना जारी कर दिया गया है.

अन्य भाषा के लिए चाहिए कम से कम 20 छात्र

इस आदेश में यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि कोई छात्र किसी अन्य वैकल्पिक भाषा (जैसे संस्कृत, उर्दू, गुजराती आदि) का चयन करना चाहता है, तो कम से कम 20 इच्छुक छात्रों का समूह होना अनिवार्य होगा. यदि छात्रों की संख्या 20 से कम हुई, तो वैकल्पिक भाषा उपलब्ध नहीं कराई जा सकेगी. यह नियम सभी माध्यमों की स्कूलों पर लागू होगा. यह भी पढ़े: Raj Thackeray on Hindi Language: ‘हम हिंदू हैं, हिंदी नहीं’: महाराष्ट्र में नई शिक्षा नीति पर गरजे राज ठाकरे, सरकार को दी गंभीर चेतावनी

स्कूलों में मराठी, अंग्रेजी और हिंदी तीनों भाषा पढ़ाई जाएंगी

इसके अतिरिक्त, गैर-मराठी/गैर-अंग्रेजी माध्यम की स्कूलों में माध्यम भाषा के साथ-साथ मराठी, अंग्रेजी और हिंदी — ये तीनों भाषाएं अनिवार्य रूप से पढ़ाई जाएंगी.  वहीं, कक्षा 6 से 10 तक के लिए भाषा नीति राज्य के निर्धारित पाठ्यक्रम के अनुसार ही जारी रहेगी.

सभी शिक्षा अधिकारियों और स्कूलों को GR जारी

सरकार का कहना है कि यह नीति छात्रों को बहुभाषी शिक्षा के अवसर देने, भाषा कौशल बढ़ाने और शैक्षिक विकल्पों को व्यवस्थित रूप देने के लिए लागू की गई है.  यह GR महाराष्ट्र सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशित किया गया है और सभी शिक्षा अधिकारियों, प्राचार्यों तथा जिला शिक्षा कार्यालयों को भेज दिया गया है ताकि इसका पालन सुनिश्चित किया जा सके.

MNS कर चुकी है विरोध

इससे पहले महाराष्ट्र सरकार द्वारा कक्षा 1 से 5 तक मराठी और अंग्रेजी माध्यम के राज्य बोर्ड स्कूलों में हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में अनिवार्य करने को लेकर आदेश जारी हुआ था. लेकिन महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) सहित कुछ संगठनों के विरोध के बाद सरकार ने उस पर अस्थायी रोक लगा दी थी. लेकिन एक बार फिर सरकार ने अपना निर्णय दोहराते हुए GR जारी किया है