नई दिल्ली, पांच दिसंबर: हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद आए एग्जिट पोल में कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के बीच कड़ी टक्कर के अनुमान जताए गए हैं. हालांकि, कई सर्वेक्षणों में कहा गया है कि भाजपा को बढ़त मिल सकती है. ‘इंडिया टुडे- एक्सिस माय इंडिया’ के एग्जिट पोल में कांग्रेस की सरकार बनने का अनुमान जताया गया है. इसके अनुसार, कांग्रेस को 44 प्रतिशत मतों के साथ 30 से 40 सीट मिल सकती है, तो सत्तारूढ़ भाजपा को 42 प्रतिशत मतों के साथ 24 से 34 सीट हासिल हो सकती है.
‘इंडिया टीवी-मैट्रिज’ के चुनाव बाद सर्वेक्षण में कहा गया है कि हिमाचल प्रदेश में भाजपा को 35 से 40 सीट मिल सकती है, जबकि कांग्रेस को 26 से 31 सीट पाकर एक बार फिर से विपक्ष में रहना पड़ सकता है.
‘न्यूज एक्स-जन की बात’ के एग्जिट पोल में भी हिमाचल प्रदेश में भाजपा को बढ़त मिलने का अनुमान जताया गया है. इसमें कहा गया है कि भाजपा को 32 से 40 सीट मिल सकती है, तो कांग्रेस को 27 से 34 सीट मिलने का अनुमान जताया गया है.
‘रिपब्लिक टीवी-पीमार्क’ के सर्वेक्षण में अनुमान जताया गया है कि हिमाचल प्रदेश में भाजपा को 34 से 39 सीट मिल सकती है, जबकि कांग्रेस को 28 से 33 सीट हासिल हो सकती है. हिमाचल प्रदेश की 68 सदस्यीय विधानसभा के लिए 12 नवंबर को मतदान हुआ था.
बीजेपी और कांग्रेस के बीच मुकाबला कड़ा
कई राजनीतिक विश्लेषकों का मानना था कि मजबूत सत्ता विरोधी भावनाओं के कारण हिमाचल कांग्रेस के लिए एक कम लटका हुआ फल हो सकता है. लेकिन उत्तराखंड में 2022 के विधानसभा चुनावों में जो हुआ, उसकी पुनरावृत्ति में, जहां कांग्रेस नेता हरीश रावत की अपार लोकप्रियता के बावजूद कांग्रेस भाजपा से राज्य छीनने में विफल रही, हिमाचल कांग्रेस के लिए इतना निकट, फिर भी दूर की घटना साबित हो सकता है.
एग्जिट पोल में AAP को निराशा
कुछ समय के लिए, आम आदमी पार्टी (आप) ने राज्य में एक उत्साही चुनौती पेश की और खुद को भाजपा और कांग्रेस दोनों के वास्तविक विकल्प के रूप में स्थापित किया. लेकिन इसने अपना सारा ध्यान गुजरात की ओर मोड़ दिया और एग्जिट पोल उसी का असर दिखाते हैं. आप को कोई सीट नहीं जीतने और हिमाचल में बमुश्किल 2.1 प्रतिशत वोट शेयर हासिल करने का अनुमान है.
8 दिसंबर को आएंगे नतीजे
भाजपा का वोट शेयर 2017 के 48.8 फीसदी से घटकर अब 44.9 फीसदी रहने का अनुमान है. यहां तक कि कांग्रेस को भी कुछ वोट शेयर खोने का अनुमान है, जो 2017 में 41.7 प्रतिशत से गिरकर इस साल 41.7 प्रतिशत हो गया है.
यदि एग्जिट पोल संख्या अच्छी रहती है, जिसकी पुष्टि 8 दिसंबर को चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद होगी, तो परिणाम कांग्रेस के लिए एक और झटका होगा, जो 2019 के बाद विधानसभा चुनाव जीतने में असमर्थ दिख रही है.