हीरेन ने उद्धव को पत्र लिखकर पुलिसकर्मियों, मीडिया पर उत्पीड़न करने के आरोप लगाए थे
उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास के बाहर मिले विस्फोटकों से लदे वाहन के मालिक मनसुख हीरेन ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और गृह मंत्री को पत्र लिखकर आरोप लगाए थे कि पुलिस और मीडिया द्वारा उनका उत्पीड़न किया जा रहा है.
मुंबई, 7 मार्च : उद्योगपति मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) के आवास के बाहर मिले विस्फोटकों से लदे वाहन के मालिक मनसुख हीरेन (Mansukh Hiren) ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और गृह मंत्री को पत्र लिखकर आरोप लगाए थे कि पुलिस और मीडिया द्वारा उनका उत्पीड़न किया जा रहा है. उन्होंने यह भी दावा किया था कि पीड़ित होने के बावजूद आरोपी के तौर पर उनके साथ व्यवहार किया जा रहा था.
दक्षिण मुंबई में अंबानी के बहुमंजिला आवास ‘एंटीलिया’ के पास 25 फरवरी को जिलेटिन की 20 छड़ों के साथ एक स्कॉर्पियो कार पायी गई थी. पुलिस ने कहा था कि वाहन को एयरोली-मुलुंड पुल के पास से आठ फरवरी को चुराया गया.
हीरेन (46) ठाणे में एक खाड़ी किनारे शुक्रवार की सुबह मृत पाए गए थे. मामले की जांच महाराष्ट्र का आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) कर रहा है.
हीरेन ने दो मार्च को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, गृह मंत्री अनिल देशमुख और ठाणे तथा मुंबई के पुलिस आयुक्तों को कथित तौर पर एक पत्र लिखा था, जो शनिवार को सामने आया. पत्र पर ‘‘पुलिस आयुक्त, बृहन्मुंबई’’ के तीन मार्च का रिसीविंग स्टांप है.
हीरेन ने पत्र में दावा किया कि दोषियों के बारे में जानकारी नहीं होने के बावजूद उनका उत्पीड़न किया जा रहा है, जिन्होंने न केवल ‘‘उनकी कार चुरा ली बल्कि इसका दुरूपयोग भी किया.’’
हीरेन ने पत्र में लिखा, ‘‘वाहन किस तरह से चुराया गया, इस बारे में मैंने जवाब दे दिया है और पुलिस तथा मीडिया मेरा उत्पीड़न कर रही है.’’
उन्होंने जिन लोगों को पत्र लिखा उनसे सुरक्षा देने और हस्तक्षेप करने की मांग की. पत्र में हीरेन ने कहा कि उन्होंने 18 फरवरी को वाहन चोरी का मामला विक्रोली थाने में दर्ज कराया था.
उन्होंने पत्र में लिखा, ‘‘एटीएस के पुलिसकर्मियों ने 25 फरवरी को मुझे बताया कि वाहन अंबानी के आवास के पास पाया गया, जिसमें विस्फोटक रखे हुए थे. मुझसे पूछताछ हुई और वे चले गए.’’
उन्होंने कहा कि घाटकोपर थाने के अधिकारियों ने उनसे फिर 26 फरवरी को पूछताछ की. उन्होंने पत्र में लिखा कि बाद में उनसे विक्रोली थाने के अधिकारियों ने पूछताछ की और अगले दिन सुबह तक उन्हें हिरासत में रखा. उन्होंने कहा कि इसके बाद 27 फरवरी की सुबह उन्हें उनके घर के पास छोड़ा गया.
हीरेन ने कहा कि उन्हें उसी दिन विक्रोली और घाटकोपर थाने से भी फोन आया. उन्होंने कहा कि एक मार्च को उन्हें नागपाड़ा एटीएस ने भी फोन किया.
पत्र में उन्होंने मुंबई अपराध शाखा, एनआईए द्वारा पूछताछ किए जाने का जिक्र किया है.