Dehradun Cloudburst VIDEO: उत्तराखंड के देहरादून में बादल फटने से भारी तबाही, राहत और बचाव कार्य जारी
देहरादून के सहस्रधारा क्षेत्र में सोमवार रात बादल फटने की घटना सामने आई है. बताया जा रहा है कि अचानक बादल फटने से कारलीगाढ़ नदी में बाढ़ आ गई और इस कारण आसपास के क्षेत्र में भारी नुकसान हुआ है.
देहरादून, 16 सितंबर : देहरादून (Dehradun) के सहस्रधारा क्षेत्र में सोमवार रात बादल फटने की घटना सामने आई है. बताया जा रहा है कि अचानक बादल फटने (Cloudburst) से कारलीगाढ़ नदी में बाढ़ आ गई और इस कारण आसपास के क्षेत्र में भारी नुकसान हुआ है. जानकारी के अनुसार, लगातार और तेज बारिश (Rain) के कारण नदी का जलस्तर खतरनाक रूप से बढ़ गया, जिसके कारण एक महत्वपूर्ण पुल ढह गया और नदी के किनारे बनी संपत्तियों को भारी नुकसान पहुंचा है.
शुरुआती रिपोर्टों के अनुसार, नदी के किनारे स्थित दर्जनों दुकानें या तो पूरी तरह नष्ट हो गईं या बह गईं. इसके अलावा, बाढ़ के पानी के तेज बहाव के कारण दो होटल भी ढह गए हैं. आपदा की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन ने तेजी से कार्रवाई की. जिला मजिस्ट्रेट सविन बंसल ने खुद ही कमान संभाली और सभी संबंधित विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर तत्काल बचाव और राहत कार्य शुरू किया. एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) और अन्य आपातकालीन सेवा दलों को जेसीबी मशीनों और आवश्यक उपकरणों के साथ रात में ही घटनास्थल पर भेजा गया. प्रशासन ने नदी के पास रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना शुरू कर दिया है. यह भी पढ़ें: Himachal Pradesh: कुल्लू में 30 सितंबर तक एडवेंचर गतिविधियां स्थगित, अधिसूचना जारी
अधिकारियों ने पुष्टि की है कि दो लोग लापता हैं और उनकी तलाश के लिए अभियान जारी है. आपदा की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन ने सभी संबंधित विभागों को हाई अलर्ट पर रखा है. घटना प्रतिक्रिया प्रणाली (आईआरएस) प्रोटोकॉल के तहत राहत कार्य तेजी से किए जा रहे हैं. जिलाधिकारी के निर्देश पर एसडीएम कुमकुम जोशी रात में ही घटनास्थल पर पहुंचीं और राहत कार्यों की निगरानी की.
प्रशासन ने निवासियों से सतर्क रहने और आधिकारिक निर्देशों का पालन करने की अपील की है. हालांकि, बादल फटने से भारी नुकसान हुआ है, लेकिन प्रशासन की त्वरित प्रतिक्रिया और चल रहे प्रयासों का लक्ष्य नुकसान को कम करना और प्रभावित परिवारों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है. लापता लोगों की तलाश और पीड़ितों को सहायता प्रदान करना प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है.
इससे पहले अगस्त में उत्तराखंड के चमोली जिले के देवाल तहसील के मोपाटा गांव में बादल फटने से दो लोग लापता हो गए थे. उस घटना में एक आवासीय मकान और एक गोशाला क्षतिग्रस्त हो गई थी, जिसके मलबे में 15 से 20 पशुओं के दबे होने की आशंका थी.