Hathras Gangrape: पीड़िता के परिवार का आरोप- पुलिस ने आधी रात में जबरन किया अंतिम संस्कार, पुलिस का दावा 'परिवार के सदस्यों द्वारा किया गया अंतिम संस्कार'

रिपोर्ट्स के अनुसार, पीड़िता के परिवार ने आरोप लगाया है कि, "पुलिसकर्मियों द्वारा उसका अंतिम संस्कार किया गया. घरवालों का दावा है कि उनसे पूछे बिना ही अंतिम संस्कार किया गया और जब शव को जलाया गया तो उन्हें घर में बंद कर दिया गया."

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: PTI)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के हाथरस (Hathras) में सामूहिक दुष्कर्म की शिकार 19 साल की पीड़िता की मंगलवार सुबह दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल (Safdarjung Hospital) में मौत हो गई. पीड़िता की मौत के बाद से देश के अलग-अलग हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. इस बीच पीड़िता के परिवारवालों का आरोप है कि, "पुलिस ने हमारी गुहार सुने बिना जबरन पीड़िता का अंतिम संस्कार कर दिया. रिपोर्ट्स के अनुसार, पीड़िता के परिवार ने आरोप लगाया है कि, "पुलिसकर्मियों द्वारा उसका अंतिम संस्कार किया गया. घरवालों का दावा है कि उनसे पूछे बिना ही अंतिम संस्कार किया गया और जब शव को जलाया गया तो उन्हें घर में बंद कर दिया गया."

लड़की के भाई ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया, "पुलिस जबरन शव और मेरे पिता को दाह संस्कार के लिए ले गई. जब मेरे पिता हाथरस पहुंचे, तो उन्हें तुरंत पुलिस द्वारा श्मशान ले जाया गया." महिला का शव आधी रात के आसपास उसके गांव पहुंचा और बुधवार को सुबह 3 बजे तक अंतिम संस्कार किया गया.

ग्रामीणों ने दावा किया कि वे महिला के शव को अपने घर ले जाना चाहते थे, लेकिन प्रशासन ने जल्द से जल्द दाह संस्कार के लिए दबाव डाला. इस बीच, पुलिस ने कहा कि लड़की का दाह संस्कार परिवार के सदस्यों द्वारा किया गया था. पुलिस अधीक्षक (एसपी) विक्रांत वीर ने पुलिस द्वारा दाह संस्कार में किसी भी "तात्कालिकता" से इनकार किया.

परिवार द्वारा किया गया अंतिम संस्कार:

मृतिका के शव का अन्तिम संस्कार के बारे में बात करते हुए ज्वाइन्ट मजिस्ट्रेट ने कहा, "पीड़िता का अंतिम संस्कार परिवारजनो के साथ,उनके सहयोग और उनकी अनुमति से हुआ है. शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए विधिवत तरीके अंतिम संस्कार कर दिया गया है.

बता दें कि हाथरस में घटित हुई इस शर्मनाक घटना को लेकर देशभर में आक्रोश है. विपक्ष योगी सरकार पर हमलावर हो गया है. सोशल मीडिया पर भी लोगों का आक्रोश झलक रहा है. पीड़िता ने दिल्ली के जिस सफदरजंग अस्पताल में आखिरी सांस ली, उसके बाहर भी प्रदर्शन हुआ, कैंडल मार्च निकला गया.

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