Hathras Rape Case: एम्स की आई रिपोर्ट, सामूहिक दुष्कर्म से इनकार नहीं
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: File Photo)

नई दिल्ली/हाथरस (उत्तर प्रदेश), 22 दिसंबर : ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (AIIMS) ने सीबीआई को दी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 19 वर्षीय हाथरस पीड़िता के साथ यौन उत्पीड़न (sexual harrasment) से इनकार नहीं किया जा सकता क्योंकि यौन हिंसा के दौरान लगी चोटों के पैटर्न में काफी भिन्नताएं देखी जा सकती हैं. यह खुलासा हाथरस की अदालत में सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के आरोपियों के खिलाफ दायर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की चार्जशीट से हुआ है.

आरोपी के वकील ने संवाददाताओं को बताया कि अदालत ने आरोप पत्र का संज्ञान लिया है. आईएएनएस द्वारा देखी गई 19 पन्नों की चार्जशीट बताती है कि डॉ. आदर्श कुमार की अगुवाई में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के मल्टी इंस्टीट्यूशनल मेडिकल बोर्ड (MIMB) ने एजेंसी को अपनी रिपोर्ट पेश की है. डॉ. कुमार फोरेंसिक मेडिसीन एंड टॉक्सिकॉलोजी के प्रोफेसर हैं. यह भी पढ़ें : Hathras Gang Rape Case: गांव छोड़कर जाना चाहता है हाथरस पीड़िता का परिवार, कहा- परेशानी से दूर रहना चाहते हैं

एमआईएमबी की रिपोर्ट में कहा गया है, ".. यौन उत्पीड़न की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है. यौन हिंसा की घटना के दौरान लगी चोट के पैटर्न में काफी भिन्नताएं देखी जा सकती हैं. यह चोटों की पूर्ण अनुपस्थिति (अधिक बार) से लेकर गंभीर चोटों (बहुत दुर्लभ) तक हो सकती है. इस मामले में, चूंकि यौन उत्पीड़न के लिए रिपोर्टिग या फोरेंसिक जांच में देरी हुई थी, इसलिए ये कारक जननांग की चोट के महत्वपूर्ण लक्षण दिखाई नहीं देने के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं."

सीबीआई ने कहा कि एमआईएमबी ने यह भी पाया कि पीड़ित की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में 'हाइमन' में कई पुराने 'हील्ड टीयर्स' का भी उल्लेख है. सीबीआई की चार्जशीट में कहा गया है कि पीड़ित के मरते समय दिया गया बयान एक 'महत्वपूर्ण सबूत' था. यह अन्य सबूतों को सपोर्ट करता है और यह आरोपी संदीप, लवकुश, रवि और रामू के खिलाफ आरोप स्थापित करता है. यह भी पढ़ें : Hathras GangRape Case: हाथरस केस में आरोपियों के खिलाफ गैंगरेप और हत्या का चार्जशीट दाखिल किया, प्रियंका गांधी बोलीं, सत्यमेव जयते

इसी साल 14 सितंबर को हाथरस में चार उच्च-जाति के पुरुषों ने दलित महिला के साथ कथित रूप से सामूहिक दुष्कर्म किया था. इलाज के दौरान 29 सितंबर को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में पीड़िता की मौत हो गई थी. पुलिस ने परिवार की मंजूरी के बिना पीड़िता का देर रात दाह संस्कार कर दिया था. हालांकि, अधिकारियों ने कहा कि अंतिम संस्कार 'परिवार की इच्छा के अनुसार' किया गया था.

सीबीआई अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने न्यायिक हिरासत में बंद आरोपी संदीप, लवकुश, रवि और रामू की भूमिका की जांच की है और उनका गांधीनगर के फॉरेंसिक साइंस लैबोरेटरी में विभिन्न परीक्षण किया गया. सीबीआई ने मामले की जांच के लिए एक विशेष टीम का गठन किया था और इसे उसकी गाजियाबाद इकाई को सौंप दिया गया था. टीम ने पीड़ित परिवार के बयान दर्ज किए.