Kuldeep Bishnoi Resigns: कांग्रेस को बड़ा झटका, कुलदीप बिश्नोई ने विधायक पद से दिया इस्तीफा, BJP में आज हो सकते हैं शामिल
कांग्रेस विधायक कुलदीप बिश्नोई (Photo Credits: Wikimedia Commons)

 Kuldeep Bishnoi Resigns: कांग्रेस विधायक कुलदीप बिश्नोई (Kuldeep Bishnoi) ने बुधवार को हरियाणा विधानसभा से इस्तीफा दे दिया और सूत्रों के मुताबिक, वह गुरुवार को भाजपा में शामिल हो सकते हैं.  इस प्रकार बिश्नोई ज्योतिरादित्य सिंधिया और जितिन प्रसाद के बाद भगवा खेमे की ओर बढ़ने वाले एक और हाई-प्रोफाइल कांग्रेस नेता बन सकते हैं. कभी गांधी परिवार के करीबी माने जाने वाले बिश्नोई कथित तौर पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के करीबी सहयोगी उदय भान को हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जाने से नाराज थे. बिश्नोई, (जिन्होंने पहले कांग्रेस में विलय करने से पहले अपनी पार्टी बनाई थी) ने कहा, "पार्टी इंदिरा गांधी की विचारधारा से हट गई है.

राज्य में उनकी मुख्य प्रतिद्वंद्विता हुड्डा के साथ थी, जिन्हें बिश्नोई के पिता भजन लाल के दावों की अनदेखी करते हुए 2004 में मुख्यमंत्री के रूप में नियुक्त किया गया था. इससे पहले इस साल मई में, कपिल सिब्बल समाजवादी पार्टी के समर्थन से एक स्वतंत्र राज्यसभा सांसद बनने के लिए कांग्रेस छोड़ दी थी. सिब्बल, हालांकि, भाजपा में शामिल नहीं हुए और न ही उनके जाने के बाद से उन्होंने कांग्रेस की आलोचना की है. पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री अश्विनी कुमार ने भी कथित तौर पर कांग्रेस नेतृत्व से नाराज होने के बाद पार्टी छोड़ दी थी. यह भी पढ़े: TS Singhdeo Resigns: छत्तीसगढ़ सरकार में मंत्री टीएस सिंहदेव ने पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग से इस्तीफा दिया

"मैं पिछले कई महीनों से असहज, असहाय और उपेक्षित महसूस कर रहा था और मैं समझ गया था कि अब पार्टी में मेरी जरूरत नहीं है. इसलिए, मैंने खुद को दूर कर लिया.  मैं पार्टी के अंदर रहकर जो करना चाहता था वह नहीं कर पा रहा था."

कुमार ने इस साल की शुरूआत में हुए विधानसभा चुनाव से पहले पंजाब में कांग्रेस के लिए नुकसान की भी भविष्यवाणी की थी. सिब्बल से पहले पंजाब कांग्रेस के पूर्व नेता सुनील जाखड़ कांग्रेस से बीजेपी में आ गए थे। बीजेपी में शामिल होने के बाद जाखड़ ने कहा था कि कांग्रेस से 50 साल के रिश्ते को तोड़ना आसान नहीं था.

उन्होंने कहा था, "1972 से 2022 तक मेरी तीन पीढ़ियों ने कांग्रेस को अपना परिवार माना. लेकिन कांग्रेस में मेरी आवाज को दबाने की कोशिश की गई. मुझे पंजाब और देश के हित में बोलने के लिए नोटिस दिया गया.

पूर्व केंद्रीय मंत्री आर.पी.एन. सिंह और गुजरात कांग्रेस के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने भी हाल के दिनों में पार्टी छोड़ दी थी