नई दिल्ली. राजस्थान के अलवर जिले में गोरक्षा के नाम पर भीड़ द्वारा पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिये गए रकबर के परिवार को हरियाणा के निर्दलीय एमएलए रहीश खान ने तीन लाख रूपये का चेक दिया. तो वहीं हरियाणा की सरकार ने रकबर के परिजनों को 5 लाख रूपये की राशि दी. वहीं रकबर की पोस्टमार्ट से इस बात का खुलासा हुआ है कि रकबर की मौत पुलिस हिरासत में नहीं हुई बल्कि भीड़ की पिटाई से हुई थी.
बता दें कि अलवर के ललावंडी गांव में गोतस्करी के शक में भीड ने 21 जुलाई की रात कोलगांव हरियाणा निवासी रकबर को पीट-पीटकर अधमरा कर दिया था. वहीं रकबर को बचाने पुलिस की टीम पर भी सवाल उठने लगा था कि इस मामले में पुलिस ने लापरवाही किया था. वहीं पोस्टमार्टम रिपोर्ट से साफ़ हो गया है कि रकबर की मौत में पुलिस का कोई हाथ नहीं है. रकबर की मौत पुलिस हिरासत में नहीं हुई.
Haryana: Independent MLA from Haryana's Punahana Rahish Khan gives a cheque of Rs 3 lakh and Haryana government gives a cheque of Rs 5 lakh to the family of Rakbar Khan, victim in #AlwarLynching case pic.twitter.com/JDWuD0ZKdF
— ANI (@ANI) July 26, 2018
गो मांस से दूर रहने की नसीहत
गौरतलब हो कि राजस्थान के गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने जहां एक ओर अलवर लिंचिंग मामले में सख्त कार्रवाई का वादा किया, वहीं उनके साथी व राज्य के श्रम मंत्री जसवंत सिंह ने मुस्लिमों और मेव समुदाय से गोमांस नहीं खाने व हिंदुओं के सम्मान की खातिर गो तस्करों से दूर रहने को कहा है. गृहमंत्री कटारिया ने अलवर के रामगढ़ इलाके का दौरा करने के बाद कहा, हम दोषियों के खिलाफ दंड सुनिशिचित करेंगे. रामगढ़ में शनिवार रात को भीड़ ने गो तस्करी के संदेह पर रकबर उर्फ अकबर की बेरहमी से पिटाई की थी. कटारिया पुलिस महानिदेशक ओ.पी. गलहोत्रा के साथ घटना स्थल पर पहुंचे थे.