हरियाणा सरकार अति गरीब परिवारों की आमदनी बढ़ाकर उनका उत्थान करेगी- मुख्यमंत्री
हरियाणा के सीएम मनोहर लाल (Photo Credits: Facebook)

मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि डॉ. मंगल सैन के अंत्योदय के सपने को साकार करते हुए हरियाणा सरकार का लक्ष्य अति गरीब परिवारों की आमदनी बढ़ाकर उन्हें एपीएल श्रेणी में लाना है ताकि वे अपनी मेहनत व लगन से अपना जीवनयापन कर सके. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा अंतिम पंक्ति में खड़े परिवारों के उत्थान के लिए मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना शुरू की गई है.  इसके तहत एक लाख रुपये से कम वार्षिक आय वाले लगभग साढ़े 3 लाख परिवारों को चिन्हित किया गया है, जिन्हें अंतोदय ग्राम उत्थान मेलों के माध्यम से कल्याणकारी योजनाओं का मौके पर लाभ प्रदान करके उनकी आमदनी को 2 लाख रुपये तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है। प्रदेश में 25 दिसंबर तक ऐसे मेलों का आयोजन किया जा रहा है.

मुख्यमंत्री आज रोहतक में महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय में हरियाणा के पूर्व उपमुख्यमंत्री डॉ. मंगल सैन की 31वीं पुण्यातिथि के अवसर पर डॉ. मंगल सैन के विचारों पर आधारित सैद्घांतिक राजनीतिक के पथिक नामक पुस्तक के विमोचन समारोह में पुस्तक के विमोचन के उपरांत बतौर मुख्यातिथि उपस्थितगण को संबोधित कर रहे थे. इससे पूर्व उन्होंने विश्वविद्यालय परिसर में 2.5 करोड़ की लागत से डॉ. मंगल सैन बहु-वैकल्पिक हॉल के नवीनीकरण कार्य का उद्घाटन एवं लगभग 8.50 करोड़ रुपये की राशि से बनने वाले कब्बडी हॉल का शिलान्यास किया. उन्होंने डॉ. मंगल सैन की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर श्रद्घांजलि दी. यह भी पढ़े: हरियाणा सरकार का तोहफा, गुरुग्राम में 30 हजार उपभोक्ताओं के बिजली बिलों पर सरचार्ज हुआ माफ

मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉ. मंगल सैन ने हमेशा समाजसेवा में अपना जीवन लगाया. उन्होंने देश के विभाजन के बाद विस्थापित होकर आये पीड़ित लोगों के कैंपों में जाकर सेवा की व उन्हें दवाइयां दी. मुख्यमंत्री प्रदेशवासियों का आह्वान किया कि वे डॉ. मंगल सैन के जीवन को पढ़ें तथा उनसे परोपकार की भावना व समाज सेवा की भावना ग्रहण करें। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा विभिन्न विश्वविद्यालयों में अनेक महापुरुषों के जीवन व विचारों पर शोध के लिए 40 से ज्यादा शोध पीठें स्थापित की गई हैं ताकि इनके माध्यम से युवा पीढ़ी को इन महापुरुषों के विचारों से अवगत करवाया जा सके. उन्होंने उपस्थितगण का आह्वान किया कि वे डॉ. मंगल सैन द्वारा दिखाये गये अंत्योदय के रास्ते का अनुसरण करें और यही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी.

श्री मनोहर लाल कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा 27 अक्तूबर को उनकी जयंती के अवसर पर ही डॉ. मंगल सैन शोध पीठ का गठन करने का निर्णय लिया. शोध पीठ का खर्च संबंधित सामाजिक व्यक्ति के अनुयायी उठाएं ताकि विश्वविद्यालय पर आर्थिक बोझ न पड़े. उन्होंने कहा कि इन शोध पीठों द्वारा महापुरुषों के जीवन व विचारों से संबंधित गुणवत्तापरक शोध किया जाये ताकि आमजन तक इनके विचारों को पहुंचाया जा सके और युवा इनसे प्रेरित हो सकें. मुख्यमंत्री ने डॉ. मंगल सैन के साथ व्यतीत किये समय को स्मरण करते हुए कहा कि उन्होंने डॉ. मंगल सैन के साथ कई वर्ष तक कार्य करने तथा उनसे समाजसेवा के बारे में बहुत कुछ सीखा है.

उन्होंने कहा कि उन्होंने 1981 में सामाजिक जीवन की शुरूआत की थी तथा 1984 तक वे डॉ. मंगल सैन के साथ घनिष्ठ रूप से जुड़े रहे। डॉ. मंगल सैन सभी को साथ लेकर चलते थे तथा जनता की सेवा का भाव उनमें भरा हुआ था। वे सादगी की प्रतिमूर्ति थे। उन्होंने ईमानदारी पूर्वक अपने हर कर्तव्य का निर्वहन किया तथा जन सेवा को अपने जीवन का उद्देश्य बनाया। उन्होंने कहा कि सभी विश्वविद्यालय आर्थिक रूप से स्वयं सक्षम बनें। इसके लिए हर वर्ष एलुमनि मिलन समारोह का आयोजन किया जाये, जिसमें संस्थान से शिक्षा प्राप्त करने वाले व्यक्ति शामिल हों तथा अपनी सामर्थ्य अनुसार संस्थान के विस्तार में अपना योगदान दें। उन्होंने कहा कि प्राचीनकाल में हिन्दुस्तान में भी शिक्षा मुफ्त दी जाती थी तथा शिक्षा को बढ़ावा देने में समाज का भी पूरा योगदान था.

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश में शिक्षा, स्वास्थ्य आदि सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है। सरकार द्वारा सभी 22 जिलों में मेडिकल कॉलेज स्थापित करने का निर्णय लिया गया है, जिसके तहत अब तक 19 जिलों में यह मेडिकल कॉलेज या तो स्थापित हो चुके हैं या फिर उनकी प्रक्रिया जारी है.उन्होंने कहा कि अन्य 3 जिलों में भी मेडिकल कॉलेजों की स्थापना की जायेगी. रोहतक में वर्ष 1960 में मेडिकल कॉलेज स्थापित किया गया था.