हरियाणा के नूंह जिले में फोन पर अपनी पत्नी को कथित रूप से तीन तलाक कहने के लिए एक 23 वर्षीय शख्स के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज कर लिया गया है. पुलिस ने बताया कि ट्रिपल तलाक कानून लागू होने के बाद राज्य में ये पहला इस तरह का मामला है. सलाउद्दीन नाम के शख्स के खिलाफ गुरुवार को मुस्लिम महिला (विवाह पर अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम की धारा 4 के तहत मामला दर्ज किया गया. ये जानकारी नगीना पुलिस स्टेशन के अधिकारी अजय वीर ने दी. उन्होंने बताया कि, "आईपीसी की धारा 506 (आपराधिक धमकी के लिए सजा) के तहत भी मामला दर्ज किया गया है. शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि उसे धमकी दी गई थी.
पिछले महीने सलाउद्दीन की पत्नी ने उस पर दहेज उत्पीड़न का मामला दर्ज कराया था. उन्होंने बताया कि, नूह गांव में रहनेवाली 21 वर्षीय महिला ने आरोप लगाया था कि उसके पति ने उसकी मां को गुरुवार सुबह फोन पर बुलाया और उसके सामने उसे "तलाक, तलाक, तलाक" कहा. पुलिस ने बताया कि महिला का पति ड्राइवर का काम करता है. अपनी शुरूआती शिकायत में महिला ने आरोप लगाया कि उसके पति और परिवार के अन्य सदस्य उसे दहेज के लिए प्रताड़ित करते थे. गुरुवार को उसके पति ने फोन किया, जिसे महिला की मां ने उठाया था, जिसके बाद उसने फोन पर तीन बार तलाक कहकर उसके साथ सारे संबंध तोड़ लिए. जिसके बाद पीड़िता ने पुलिस से संपर्क किया और पुलिस ने उसके पति के खिलाफ नए अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया. शुक्रवार को महिला और उसके परिवार के सदस्यों ने नूंह में मीडिया से बात करते हुए कहा कि वे न्याय चाहते हैं. महिला ने कहा, "मैं अब कहां जाऊं, मुझे न्याय चाहिए," उसके भाई ने भी इस मामले में आरोपी को सख्त सजा देने की मांग की. इस मामले में अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है.
Haryana: A woman was allegedly given 'triple-talaaq' by her husband over the phone in Mewat. Ajay Veer Singh, SHO Nagina Police Station, Mewat says, "FIR registered under section 4 of Muslim Women (Protection of Rights on Marriage) Act, 2019 & other sections." (2.8.19) pic.twitter.com/ZHBQJEFXxj— ANI (@ANI) August 3, 2019
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बता दें कि मुस्लिम महिलाओं (विवाह पर अधिकारों का संरक्षण) विधेयक में पुरुषों को उनकी पत्नियों को तत्काल ट्रिपल तालक देने के लिए तीन साल तक की कैद की सजा हाल ही में संसद द्वारा पारित की गई है. बाद में राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने विधेयक को स्वीकृति दी.