Uttarkashi Cloudburst Creates Massive Lake in Harsil: उत्तराखंड के पहाड़ों से एक बड़ी और चिंताजनक खबर आ रही है. उत्तरकाशी जिले के मशहूर हर्षिल इलाके में कुदरत का ऐसा कहर बरपा कि जमीन पर एक विशाल झील बन गई. 5 अगस्त को गंगोत्री से लगभग 25 किलोमीटर पहले, हर्षिल के पास धाराली गांव में अचानक बादल फट गया. बादल फटने का मतलब होता है कि बहुत ही कम समय में एक ही जगह पर बहुत ज़्यादा बारिश हो जाना. इस आसमानी आफत के कारण अचानक बाढ़ आ गई.
इसका नतीजा यह हुआ कि वहां एक बहुत बड़ी झील बन गई है. सोचिए, जहां कल तक जमीन और सड़क थी, आज वहां पानी का विशाल भंडार है. इस नई झील ने गंगोत्री धाम को जोड़ने वाले मुख्य हाईवे को भी पूरी तरह से डुबो दिया है, जिससे चारधाम यात्रा का एक अहम रास्ता बंद हो गया है.
देवदूत बनकर काम कर रही हैं बचाव टीमें
इस मुश्किल घड़ी में, प्रशासन और बचाव दल दिन-रात एक करके लोगों की जान बचाने में जुटे हुए हैं. इस आपदा में फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने का काम मंगलवार से ही चल रहा है. अब तक 650 से ज़्यादा लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचा दिया गया है.
- गुरुवार को 400 लोगों को बचाया गया.
- शुक्रवार को 250 और लोगों को निकाला गया.
यह बचाव कार्य दिखाता है कि टीमें कितनी तेजी से काम कर रही हैं ताकि कोई भी फंसा न रह जाए.
#WATCH | Uttarkashi, Uttarakhand | A lake has been formed in Harsil following the flash floods due to the cloudburst that occurred on August 5 pic.twitter.com/xjardbbKzd
— ANI (@ANI) August 9, 2025
किनके लिए है बड़ी मुसीबत?
यह आपदा सिर्फ वहां रहने वाले स्थानीय लोगों के लिए ही नहीं, बल्कि उन हजारों तीर्थयात्रियों के लिए भी एक बड़ी चुनौती है जो गंगोत्री दर्शन के लिए जाते हैं. हाईवे बंद होने से उनका सफर भी बीच में ही रुक गया है.
VIDEO | Uttarkashi: About 25 kilometres before Gangotri, near Harsil, a large lake has formed due to the recent disaster that hit Dharali village, submerging the Gangotri Highway.
Since Tuesday, 650 people have been rescued, 400 on Thursday and 250 on Friday.
(Full video… pic.twitter.com/5BxAzdGfjn
— Press Trust of India (@PTI_News) August 9, 2025
फिलहाल, सबसे पहली कोशिश यही है कि फंसे हुए सभी लोगों को सुरक्षित निकाला जाए और हालात को काबू में लाया जाए. प्रशासन ने सभी लोगों और यात्रियों से अपील की है कि वे सावधान रहें और किसी भी तरह का खतरा न उठाएं. पहाड़ों में मौसम अभी भी अनिश्चित बना हुआ है, इसलिए सतर्क रहना बहुत जरूरी है.













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