देहरादून: उत्तराखंड में कोरोना संकट के बीच कुंभ जारी है. हरिद्वार (Haridwar) में कई अखाड़ों के संतों में कोरोना की पुष्टि हो चुकी है. इस बीच देहरादून (Dehradun) के एक निजी अस्पताल में मध्य प्रदेश के महानिर्वाणी अखाड़े से जुड़े महामंडलेश्वर कपिल देव का निधन हो गया. उन्हें COVID-19 के उपचार के लिए भर्ती किया गया था. देहरादून की शहर पुलिस अधीक्षक सरिता डोभाल (Sarita Dobhal) ने बताया कि महामंडलेश्वर का 13 अप्रैल को निधन हो गया. बताया जा रहा है कि महाकुंभ मेले के दौरान होने वाली यह किसी संत की पहली मौत है. Haridwar: कुंभ नगरी में बढ़ रहा कोरोना का खतरा, कई साधु COVID-19 की चपेट में.
हरिद्वार के मुख्य चिकित्सा अधिकारी शम्भू कुमार झा ने बताया कि महामंडलेश्वर मध्य प्रदेश से महाकुंभ मेले में शाही स्नान करने के लिए हरिद्वार आए थे और इसी दौरान तबीयत बिगड़ने पर उन्हें देहरादून के कैलाश अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
30 साधु कोरोना पॉजिटिव
हरिद्वार के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एसके झा ने बताया कि, हरिद्वार में अब तक 30 साधुओं में COVID-19 की पुष्टि हुई है. उन्होंने बताया, मेडिकल टीम अखाड़ों में जा रहती हैऔर साधुओं के आरटी-पीसीआर टेस्ट लगातार किए जा रहे हैं. 17 अप्रैल से इस प्रक्रिया को और तेज किया जाएगा.
निरंजनी अखाड़े ने किया कुंभ से हटने का फैसला
कोरोना के बढ़ते खतरे के बेच हरिद्वार कुंभ में शामिल संतों के 13 अखाड़ों में से एक निरंजनी अखाड़े (Niranjani Akhara) ने आयोजन से हटने का फैसला किया. अखाड़ा ने कहा कि उनके कई साधु-संतों में कोरोना के लक्षण देखे गए हैं, जिसके बाद यह फैसला लिया गया है. अखाड़े के सचिव महंत रवींद्र पुरी ने इस दौरान अन्य अखाड़ों से भी मेला समाप्त करने की अपील की और कहा कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए लोगों के हित में मेले का समापन हो जाना चाहिए.