Happy Independence Day 2019: आजादी के 72 बरस पर दें ओजस्वी भाषण! एक सफल वक्ता की तरह

स्वतंत्रता दिवस हो या गणतंत्र दिवस, स्कूल-कॉलेज अथवा हमारे सोसायटी, दफ्तरों आदि स्थानों पर ये राष्ट्रीय उत्सव बड़ी धूमधाम से मनाए जाते हैं. कहीं इन्हें झंडारोहण और भाषण तक सीमित रखा जाता है तो कहीं स्पोर्ट्स एवं रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजन भी होता है. लेकिन एक आम आदमी के लिए वह वक्त सबसे बड़ी चुनौती वाला बन जाता है,

स्वतंत्रता दिवस हो या गणतंत्र दिवस, स्कूल-कॉलेज अथवा हमारे सोसायटी, दफ्तरों आदि स्थानों पर ये राष्ट्रीय उत्सव बड़ी धूमधाम से मनाए जाते हैं. कहीं इन्हें झंडारोहण और भाषण तक सीमित रखा जाता है तो कहीं स्पोर्ट्स एवं रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजन भी होता है. लेकिन एक आम आदमी के लिए वह वक्त सबसे बड़ी चुनौती वाला बन जाता है, जब मंच से अचानक आपके नाम की घोषणा होती है कि समाज में अपनी विशिष्ठ पहचान रखने वाले मिस्टर... आज आपके समक्ष आजादी के संदर्भ में कुछ प्रेरक बातें रखेंगे... अचानक माइक हाथ में आते ही हाथ कांपने लगते हैं, जुबान लड़खड़ाने लगती है, आप किंकर्तव्यविमूढ़ की स्थिति में आ जाते हैं. न पीछे हट पाते हैं और ना आगे बढ़ने का साहस जुटा पाते हैं. लेकिन अगर आप इस दिशा में थोड़ी-सी भी तैयारी कर लें तो निश्चित रूप से आपकी पहचान एक ओजस्वी वक्ता के रूप में बन सकती है. आपके भाषण का प्रारूप हम तैयार कर देते हैं.

माननीय मुख्य अतिथि महोदय, सभासदों तथा भाइयों एवं बहनों... स्वतंत्रता दिवस के इस पुनीत अवसर पर आप सभी का हार्दिक स्वागत करता हूं. मैं बहुत गर्वान्वित महसूस कर रहा हूं कि मुझे इस महान अवसर पर अपने महान देश के संदर्भ में दिल की बात कहने का अवसर मिल रहा है. हम बड़े फख्र के साथ कह सकते हैं कि हमारा भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है, इसका ताजा प्रमाण हमने एक बार फिर दुनिया के सम्मुख पेश किया है, जब हाल ही में 17वीं लोकसभा का चुनाव निष्पक्षता एवं स्वतंत्र रूप से सम्पन्न करवाया. आज हम आजादी की 72वीं वर्षगांठ मना रहे हैं. आज का यह दिन हमारे दिलों में विशेष मायने रखता है. हमें इस दिन का बेसब्री से इंतजार रहता है. ताकि हम अपनी नयी पीढ़ी को बता सकें कि आज आजाद भारत में हम जो चैन का जीवन जी रहे हैं, उसे हासिल करने के लिए हमारे महान स्वतंत्रता सेनानियों एवं क्रांतिकारियों ने क्या-क्या नहीं सहा है. 1857 में मंगल पांडे पहले क्रांतिकारी सिपाही के रूप में उभर कर सामने आए, जिन्होंने ब्रिटिशों हुकूमत के खिलाफ विद्रोह का पहला बिगुल फूंका और लोगों को गुलामी से मुक्त होने के लिए बड़े पैमाने पर आक्रोश पैदा किया. मंगल पाण्डे की शहादत ने युवा क्रांतिकारियों के दिलों में अंग्रेजों और उनके शासन के खिलाफ घृणा और नफरत का तूफान भर दिया. चंद्रशेखर आज़ाद, भगत सिंह और खुदी राम बोस जैसे सैकड़ों क्रांतिकारियों द्वारा किए गए बलिदानों को हम कैसे भूल सकते हैं, जिन्होंने अपने देश को अंग्रेजों से आजाद करवाने के लिए छोटी-सी उम्र में अपने जीवन की आहुति दे दी. हम गांधी जी और नेताजी सुभाष चंद्र बोस के बलिदानों को कैसे भूल सकते हैं? आइये आज हम सब मिलकर उन शूरवीरों को श्रद्धासुमन अर्पित करते हैं.

यह भी पढ़ें: Independence Day 2019 Wishes: स्वतंत्रता दिवस पर ये शानदार WhatsApp Stickers, Facebook Messages, SMS, GIF, Wallpapers और Quotes भेजकर सभी के साथ मनाएं आजादी का जश्न

हम एक बहुसांस्कृतिक और बहुभाषी राष्ट्र हैं. हमारी यही ताकत हमारी एकता को सबलता प्रदान करता है. आज कृषि से लेकर तकनीकों तक हमारा भारत दुनिया के विकासशील देशों में शुमार किया जाता है. भारत दुनिया के पांच सर्वशक्तिशाली देशों में एक है और इसका श्रेय जाता है हमारे शूरवीर सैनिकों को, जोदिन-रात हमारी सीमाओं की रक्षा करते हैं ताकि हम अपने घरों में सुकून की नींद ले सकें, बेखौफ  होकर होली-दीवाली और ईद की खुशियां सेलीब्रेट कर सकें. ये बहादुर सिपाही हमें न केवल आतंकवादी हमलों से बचाते हैं, बल्कि देश में आए यदा-कदा प्राकृतिक आपदाओं में भी अपनी जान पर खेलकर हमारी रक्षा करते हैं. ऐसे में हमारा फर्ज बनता है कि घटना-दुर्घटना में शहीद हुए सैनिकों के परिवारों को हम अपना समझते हुए उनकी यथासंभव मदद करें.

स्वतंत्रता दिवस के इस पावन अवसर पर आइए हम अपने राष्ट्र के विकास में बढ़-चढ़ कर योगदान करने का संकल्प लेते हुए इसे महान ऊंचाइयों पर ले जाने का प्रयास करें. यद्यपि हमें अपनी मातृभूमि के प्रति स्नेह एवं प्यार को साबित करने के लिए किसी बड़े पहल की जरूरत नहीं है, क्योंकि स्वच्छ भारत अभियान, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, मेक इन इंडिया, क्लीन इंडिया-ग्रीन इंडिया जैसी जनहित वाली योजनाएं देश में क्रियान्वित हैं. हम राष्ट्रमंडल खेलों, ओलंपिक के साथ-साथ एशियाई खेलों में भी पूरी सक्रियता से आगे बढ़ रहे हैं. हॉकी और क्रिकेट में तो भारत की धनक लंबे सालों से बनी ही हुई है.

हम प्राचीनकाल से ही आयुर्वेद, शिक्षा, विज्ञान और संस्कृति के क्षेत्र में अग्रणी रहे हैं. यही बातें हमारे प्रिय भारत को दुनिया के अन्य देशों से अलग रखती है. हमारा देश अपनी सांस्कृतिक और सामाजिक पहचान के साथ-साथ विशाल विविधता के लिए भी जाना जाता है. इसलिए हमें भारत में पैदा होने पर गर्व महसूस करना चाहिए. भारत जो दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है, जो तीव्र गति से विकसित हो रहा है. दूरसंचार उद्योग, हरित क्रांति, खेल, शिक्षा, वित्त और साथ ही अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भी हमने सैकड़ों देशों को पीछे छोड़ा है, जो स्वतंत्रता-पूर्व युग में संभव नहीं था. आज हम आईटी उद्योग के साथ-साथ परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में भी विकासशील देशों को टक्कर दे रहे हैं.

भारत हमेशा से शिक्षित एवं समृद्धिशाली देश रहा है. यही वजह थी लोग इसे ‘सोने की चिड़िया’ की उपाधि देते थे. अंग्रेजों ने कभी भी प्रत्यक्ष रूप से भारत पर आक्रमण करने की जुर्रत नहीं की. उसने हमारे साथ व्यापार की आड़ में चोरी-छिपे अपनी शातिर रणनीतियों के साथ देश के विभिन्न क्षेत्रों पर कब्जा किया. हमारी एकता को तोड़ने के लिए उन्होंने हमेशा से एक ही नीति का सहारा लिया, ‘फूट डालो और राज करो’. उन्होंने हमें धर्म, क्षेत्र, जाति, वर्ग और पंथ के नाम पर बांटने की कोशिश की.

यह भी पढ़ें: Republic Day 2019: आजादी से पहले 26 जनवरी को मनाया जाता था स्वतंत्रता दिवस, जानें क्यों भारत के हर नागरिक के लिए बेहद खास है यह दिन?

हमें अतीत में हुए कड़वे अनुभवों को भुलाकर एकमत और एकसुर में अपनी खोई हुई प्रतिष्ठा वापस लानी होगी. और संपूर्ण विश्व को बताना होगा कि भारत विश्व गुरू था, विश्व गुरू है और विश्व गुरू रहेगा. आइए हम अपने प्रिय भारत को अपने अच्छे कामों से गौरवान्वित करने का संकल्प लें और कभी भी अपने पूर्वजों के बलिदान को व्यर्थ न जाने दें.

जय हिंद! जय भारत!

Share Now

\